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नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) और ज्वाइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (JEE) को स्थगित किए जाने की मांग छात्र लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन ये बीजेपी है जिसे अब इस मुद्दे के तूल पकड़ने का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी छात्रों की परेशानी को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.
बीजेपी को इसका पहला खामियाजा लगता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 अगस्त के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के तौर पर उठाना पड़ा. इस स्टोरी को लिखे जाने तक बीजेपी के आधिकारिक यू-टयूब चैनल ‘मन की बात’ के इस इपिसोड को 7.2 लाख से अधिक डिसलाइक मिल चुके थे. इसे लाइक सिर्फ 1.2 लाख ही मिले. इसे 53 लाख व्यूज मिल चुके थे.
प्रधानमंत्री का हर महीने प्रसारित होने वाले रेडियो शो का ये इपिसोड बीजेपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर सबसे ज्यादा ‘डिसलाइक्ड’ वीडियो बन चुका है. कुल 0.84 मिलियन (लाइक + डिसलाइक) इस वीडियो को मिले जिनमें से 86% डिसलाइक के है. 1.3 लाख कमेंट्स में से अधिकतर JEE-NEET उम्मीदवारों की नाराजगी जाहिर करते हैं.
हालांकि, बीजेपी ने बड़ी संख्या में डिसलाइक्स को परीक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक विरोधियों का डिजिटल अभियान बताते हुए खारिज कर दिया है.
वहीं, सोशल मीडिया और इंटरनेट प्लेटफार्म्स को मॉनीटर करने वालों का कहना है कि लाइक और डिसलाइक के बीच का अंतर यह दर्शाता है कि दर्शक क्या सुनना चाहते थे और पीएम ने बोलने के लिए क्या चुना. बीजेपी का दावा है कि यह बड़ी संख्या में डिसलाइक, राजनीतिक विरोधियों की प्रायोजित कोशिश है.
रविवार, 30 अगस्त को 'मन की बात' की 68वीं कड़ी में पीएम मोदी ने किसानों, खिलौनों और भारत की जलवायु के लिए उपयुक्त देसी नस्लों को अपनाने की जरूरत पर बात की. हालांकि, इपिसोड के प्रसारित होने के ठीक बाद हैशटैग #Mann_Ki_Nahi_Students_Ki_Baat ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. पीएम के संबोधन को देखने वालों ने सवाल करना शुरू किया कि पीएम ने JEE-NEET मुद्दे पर बात क्यों नहीं की, जो लाखों छात्रों पर असर डाल रहा है.
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया, “यूट्यूब पर ‘मन की बात’ वीडियो को डिसलाइक करने लिए आयोजित कोशिश की गई, और कांग्रेस खुश होते हुए इसका जश्न मना रही थी. यूट्यूब डेटा से पता चलता है कि भारत से केवल 2 प्रतिशत डिसलाइक्स आए, बाकी सब बाहर से आए. उन्होंने कई बॉट्स का उपयोग किया जो हाल ही में बनाए गए थे और केवल परीक्षा के मुद्दे पर ट्वीट करते थे, इन बॉट्स के कोई असल फॉलोअर्स नहीं है, और न ही वे अधिक असल लोगों को फॉलो करते हैं.
Over the last 24hrs, there has been a concerted effort to dislike Mann Ki Baat video on YouTube... So low is the Congress on confidence that it has been celebrating it as some sort of conquest!
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 31, 2020
However, data from YouTube suggests that only 2% of those dislikes are from India...
मालवीय ने कहा कि “यह कांग्रेस के JEE-NEET कैम्पेन की एक लगातार विशेषता है. उन्होंने परीक्षा के खिलाफ ट्वीट करने के लिए कई तुर्की-आधारित हैंडल का इस्तेमाल किया है.” मालवीय ने तुर्की के कुछ ट्विटर हैंडल के लिंक भी पोस्ट किए.
बीजेपी सूत्रों ने कहा कि डिसलाइक्स की बड़ी संख्या एक ऐसे वर्ग की ओर से आयोजित की गई जिसने JEE और NEET को राजनीतिक मुद्दा बना कर छात्रों को गुमराह करने और विपक्षी रैंक को एकजुट करने की कोशिश की. दिलचस्प बात यह है कि ट्विटर पर, ऐसे दावे थे कि भाजपा ने YouTube से वीडियो को वापस ले लिया है, लेकिन बीजेपी ने इससे इनकार किया.
बीजेपी के एक शीर्ष आईटी सेल सदस्य ने इस आरोप को खारिज किया कि ‘मन की बात’ ने नकारात्मक भावनाओं को आमंत्रित किया. इस सदस्य ने कहा कि JEE-NEET मुद्दे पर लेफ्ट-विंग चरमपंथियों ने भी कूद कर लपटों को भड़काने की कोशिश की.
बीजेपी आईटी सेल के सदस्य ने कहा, “ये डिसलाइक्स वास्तविक दर्शकों की प्रतिक्रियाएं नहीं हैं, इनमें से बहुत सारे नकली हैंडल हैं. वे पहले परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ हैशटैग ट्रेंड करने के लिए इकट्ठा हुए. बाद में उन्होंने 'मन की बात' कार्यक्रम की ओर अपना फोकस कर दिया.”
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह आश्चर्य की बात नहीं है. कुछ दिनों पहले, परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ हैशटैग के लिए 2.5 मिलियन रिस्पॉन्स के साथ सुनियोजित प्रयास किया गया था.”
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर पलटवार किया. कांग्रेस की ज्वाइंट सेक्रेटरी और NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) इंचार्ज रुचि गुप्ता ने कहा, “सभी जानते हैं कि बीजेपी संगठित दुष्प्रचार और नफ़रत का फाउंटेन-हेड है. छात्रों की असल नाराजगी पर ध्यान देने और सहानुभूति दिखाने की जगह मालवीय एंड कंपनी उनके असंतोष को आउटसाइडर्स से जोड़ रही है.”
छात्र क्यों परेशान हैं?
अगस्त के आखिरी हफ्ते में भारत दुनिया में कोरोनावायरस का इपिसेटर बन गया जब इसने दैनिक नए केसों की संख्या में और सभी देशो को पीछे छोड़ दिया. यहां तक कि अमेरिका से भी भारत इस मामले में आगे हो गया. जब भारत करीब 80,000 नए केस हर दिन रिपोर्ट कर रहा है, ऐसे में छात्र भरे हुए परीक्षा केंद्रों में जाने से डरे हुए. परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए भीड़ से भरे ट्रांसपोर्ट साधनों में सफर करना अलग मुद्दा है.
17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षाएं स्थगित करने संबंधी एक याचिका को खारिज कर दिया.
वहीं सरकार ने परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक SOP तैयार किया. सरकार समय पर परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है. JEE मेन्स 1-6 सितंबर और NEET परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी.
परीक्षाओं को स्थगित किए जाने की मांग सोशल मीडिया पर गर्म बहस का मुद्दा बन गई. इंडिया टुडे डेटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने इस मुद्दे पर ट्विटर संवाद को स्कैन किया और पाया कि भारत मे पिछळे एक हफ्ते में ‘JEE’ और ‘NEET’ शब्दों को कम से कम 7.2 मिलियन उल्लेख (मेंशन) मिले.
It’s deeply unfair that students of India are asked to sit national exams during the Covid-19 pandemic and while millions have also been impacted by the extreme floods. I stand with their call to #PostponeJEE_NEETinCOVID
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) August 25, 2020
इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली जब स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता Greta Thunberg ने भारतीय छात्रों के साथ एकजुटता दिखाई.
It’s deeply unfair that students of India are asked to sit national exams during the Covid-19 pandemic and while millions have also been impacted by the extreme floods. I stand with their call to #PostponeJEE_NEETinCOVID
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) August 25, 2020
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी परीक्षा आयोजित करने को लेकर शिक्षा मंत्रालय की 'जिद' पर सवाल उठाया.
To all students taking JEE exam and later NEET: Dont dwell on the regretable past. It was not due to you. Think about doing your best now. Events are decided by God. He/She treats the brave like a tennis ball: the harder He/She throws you down the higher you will rise on rebound.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 1, 2020
एक्टर सोनू सूद ने भी अभ्यर्थियों को मदद की पेशकश की.
“ I N C A S E “ #JEE_NEET doesn’t get
— sonu sood (@SonuSood) August 28, 2020
postponed. pic.twitter.com/D2iYzt4wf4
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने आजतक/इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि अधिकतर छात्र परीक्षा देना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “8.58 लाख पंजीकृत JEE छात्रों में से, 7.25 लाख छात्रों ने 25 अगस्त तक अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड किए थे. हमने 99 प्रतिशत छात्रों को पसंदीदा परीक्षा केंद्र दिए हैं. हम उनके साथ हैं. उनकी सुरक्षा पहले महत्वपूर्ण है, और फिर शिक्षा.”
मेरी सभी विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से भी अपील है कि परीक्षाओं का आयोजन करने वाली संस्थाओं में विश्वास रखें, जो मौजूदा परिस्थितियों में भी इन परीक्षाओं को सुरक्षित एवं संरक्षित माहौल में आयोजित कराने हेतु अथक प्रयास कर रही हैं।
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) August 30, 2020
अमेरिका में स्कूलों के फिर से खुलने के बाद लगभग एक लाख छात्र कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए. क्या भारत युवाओं के बीच कोविड-19 के अधिक देखेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार इन परीक्षाओं का आयोजन कैसे करती है.