देश में एक बार फिर कोरोना ने टेंशन बढ़ाई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर केंद्र सरकार ने एहतियात बरतने की सलाह दी है. हालांकि, सरकार अभी सख्ती के मूड़ में नहीं है. यही वजह है कि सरकार ने जिन राज्यों में मरीज मिले हैं, वहां सिर्फ टेस्टिंग बढ़ाने और जरूरी सावधानी पर जोर दिया है. शीर्ष सरकारी सूत्रों का कहना है कि सर्दियों में मामले बढ़ेंगे. आमतौर पर सर्दी, जुकाम और खांसी के मरीज बढ़ने लगते हैं. अभी तक किसी मरीज को गंभीर समस्या नहीं हुई है. होम आइसोलेशन में रहकर लोग ठीक हो रहे हैं.
हालांकि, पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से मरीज बढ़े हैं और मरीजों की जान गई है- वो चिंताजनक है. आंकड़े कहते हैं कि पिछले ढाई हफ्ते में कोरोना संक्रमित 23 लोगों की मौत हुई है. आने वाले दिनों में क्रिसमिस और फिर नया साल आ रहा है. ऐसे में लोग बाहर घूमने के लिए निकलेंगे.
'ना मास्क लगाना अनिवार्य, ना एडवाइजरी'
सूत्र बताते हैं कि सरकार की तरफ से अभी तक कोरोना की तीसरी डोज या यात्रा पर कोई प्रतिबंध अथवा कोई एडवाइजरी नहीं दी गई है. यहां तक कि देश में मास्क लगाना भी अनिवार्य नहीं है. कोरोना का JN.1 सब वैरिएंट है. वायरस की गंभीर बीमारी पैदा करने की क्षमता कम हो गई है.
'एयरपोर्ट पर अभी कोरोना टेस्ट अनिवार्य नहीं'
शीर्ष सूत्र यह भी कहते हैं कि देश के एयरपोर्ट्स पर भी RTPCR टेस्ट अनिवार्य किए जाने की संभावना नहीं है. मरीज कुछ ही राज्यों में मिल रहे हैं. अभी फेस मास्क लगाने की जरूरत नहीं है. इतना ही नहीं, सरकार की तरफ से वैक्सीनेशन को लेकर भी जोर नहीं दिया जा रहा है. मौसम की वजह से बीमारी में बढ़ोतरी हो रही है.
'WHO ने कहा- एहतियात बरतो'
स्वास्थ्य विभाग और WHO का कहना है कि फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं हैं. बस सावधानी जरूर बरतें. WHO ने बुधवार को कोरोना को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में वर्गीकृत किया है. गाइडलाइन में कहा है कि भीड़भाड़ वाले या बंद स्थान और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क जरूर पहनें. सोशल डिस्टेंसिंग को भी आदत में डालें. यह जरूरी भी है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के मरीज बढ़ने के बाद कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में एडवाइजरी जारी की गई है.
'घबराने की जरूरत नहीं है'
केंद्र सरकार का भी कहना है कि ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकारों के साथ कोरोना की तैयारियों को लेकर समीक्षा की गई है. हर जरूरी मदद पहुंचाई जाएगी. किसी तरह के प्रतिबंध या निगरानी बढ़ाने जैसे हालात नहीं हैं. हालांकि, केरल, तमिलनाडु से सटे सीमावर्ती जिलों को सतर्कता बरतनी चाहिए. जहां मरीज मिल रहे हैं, वहां टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर देना चाहिए. पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेसिंग के लिए लैब भेजना चाहिए. मॉक ड्रिल करके तैयारियां भी परखते रहना चाहिए. एक्सपर्ट ने मास्क का उपयोग, हाथ की स्वच्छता बनाए रखना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, भीड़-भाड़ वाले या खराब हवादार क्षेत्रों से बचना और खांसी होने पर दूरी बनाकर रखने की अपील की है.