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कृषि कानूनों पर SC की ओर से बनाई कमेटी ने सीलबंद लिफाफे में सौंपी रिपोर्ट

नए कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई तीन सदस्यों विशेषज्ञ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इसको लेकर कमेटी जल्द ही प्रेस विज्ञप्ति के जरिए और जानकारी सार्वजनिक करेगी.

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कृषि कानूनों की प्रतियां जलाते किसान नेता (फोटो-PTI)
कृषि कानूनों की प्रतियां जलाते किसान नेता (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट
  • कमेटी जल्द ही और जानकारी करेगी सार्वजनिक

नए कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई तीन सदस्यों विशेषज्ञ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. शेतकारी संगठन की महिला अध्यक्ष सीमा नरवणे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट को ये रिपोर्ट 19 मार्च को ही सौंप दी गई है. इसको लेकर कमेटी जल्द ही प्रेस विज्ञप्ति के जरिए और जानकारी सार्वजनिक करेगी.

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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त की गई कमेटी में कृषि विशेषज्ञ और शेतकारी संगठनों से जुड़े अनिल धनवत, अशोक गुलाटी और प्रमोद जोशी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को समिति का गठन किया था. धनवत के अलावा कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी समिति के अन्य सदस्य हैं.

किसान नेता भूपिंदर सिंह मान को भी इसका सदस्य बनाया गया था, लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था. किसान संगठन इस समिति का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इसके सदस्य पहले ही कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके है. बाद में कोर्ट ने उन्हीं को समिति में शामिल कर लिया.

आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर से किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान डेरा जमाए हुए हैं और तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. किसानों के प्रदर्शन के कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने पहले चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी.

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हालांकि, चार सदस्यीय कमेटी में से किसान नेता भूपिंदर सिंह मान अलग हो गए थे. इसके बाद कमेटी तीन सदस्यीय हो गई. इस कमेटी के लोगों ने देश के अलग-अलग किसान संगठनों से वार्ता की. हालांकि, कानून वापसी की मांग कर रहे किसान संगठन इस कमेटी के औचित्य पर ही सवाल उठाते रहे हैं.

 

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