दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक और इसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि तीस्ता सीतलवाड़ को भ्रष्ट विदेशी धन प्राप्त हुआ और वह 'न्यूज-सिंडिकेशन स्कैम' का हिस्सा थीं. इंडिया टुडे को प्राप्त चार्जशीट के अनुसार पुलिस ने दावा किया कि सीतलवाड़ को 'सुविधाजनक तरीकों' से धन प्राप्त हुआ.
तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा संचालित 'सबरंग इंडिया' नामक पोर्टल को कथित तौर पर इस 'न्यूज-सिंडिकेशन स्कैम' के माध्यम से धन प्राप्त हुआ था. चार्जशीट के अनुसार, सीतलवाड़ के लिए काम करने वाले लेखकों और कॉलमिस्ट को प्रबीर पुरकायस्थ द्वारा भुगतान किया गया था.
पुलिस ने क्या दावे किए?
यह भी दावा किया गया है कि इन कॉलमिस्ट और लेखकों की ऑथरशिप उनके नाम के बजाय 'सबरंग इंडिया' की बताई गई है. इससे तीस्ता सीतलवाड़ को 'सबरंग इंडिया' के लिए करीब 3 लाख रुपए, अपने कर्मचारियों के लिए 1 करोड़ रुपए से अधिक और अपने परिवार के निजी इस्तेमाल के लिए 39 लाख रुपए प्राप्त करने में मदद मिली.
'सुविधाजनक तरीके' से प्राप्त किया धन
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा कि जांच एजेंसियों के रडार पर होने के बावजूद तीस्ता द्वारा भ्रष्ट विदेशी धन प्राप्त करने का यह 'सबसे सुविधाजनक तरीका' था. इसमें दावा किया गया है कि प्राप्त ई-मेल, गवाहों की जांच और विश्लेषण से यह पता चलता है कि तीस्ता सीतलवाड़, प्रबीर पुरकायस्थ और नेविल रॉय सिंघम तीनों आपस में जुड़े हुए थे और एक-दूसरे की मदद कर रहे थे.
एक-दूसरे से जुड़े हुए थे तीस्ता, पुरकायस्थ और सिंघम
सिंघम पुरकायस्थ के पुराने सहयोगी और एक अमेरिकी करोड़पति हैं. चार्जशीट में दावा किया गया है कि तीनों नेविल के भुगतानकर्ताओं के लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्म (Left Wing Extremism-LWE) एजेंडे के कार्यान्वयन के अलावा अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे की मदद कर रहे थे.
'सबरंग इंडिया' को सिंघम से मिला फंड
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में यह भी दावा किया गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ और नेविल रॉय सिंघम के बीच हुए ईमेल से पता चला है कि तीस्ता के एनजीओ CJP और 'सबरंग इंडिया' को प्रबीर पुरकायस्थ के माध्यम से सिंघम द्वारा फंड मुहैया किया जा रहा था. हालांकि नेविल रॉय सिंघम के माध्यम से धन प्राप्त करने को लेकर न्यूज़क्लिक और 'सबरंग इंडिया' के बीच कोई लिखित समझौता नहीं है.