नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आज शुक्रवार को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) को वायु और जल प्रदूषण के लिए पानीपत सहकारी चीनी मिल से 4.13 करोड़ रुपये जुर्माना के तौर पर वसूलने का निर्देश दिया है.
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि नियमों के पालन के लिए अवसर दिए जाने के बावजूद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मिल को बंद करने और बिजली आपूर्ति रोकने के लिए दंडात्मक कदम नहीं उठाए.
एनजीटी ने कहा कि मिल को जुर्माना भुगतान के लिए निर्देश देने के बजाए मुद्दे पर उपायुक्त को सिफारिश की गई. एनजीटी ने मामले में पहले कहा था कि हरियाणा के पानीपत को-ऑपरेटिव शुगर एंड डिस्टिलरी यूनिट में पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन हुआ है.
चीनी मिल द्वारा प्रदूषण के खिलाफ प्रमोद देवी और अन्य द्वारा दाखिल एक याचिका पर एनजीटी सुनवाई कर रही थी.
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याचिकार्ता की ओर से याचिका में कहा गया कि इस मिल में पुराना ब्वॉयलर का इस्तेमाल होता है जिसके सही से काम नहीं करने के कारण वायु प्रदूषण होता है. याचिका के मुताबिक सीपीसीबी द्वारा बंद करने के लिए नोटिस जारी करने के बावजूद मिल के चालू रहने से वायु और जल प्रदूषण हो रहा है.