नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाल ही में एक जीआईएस (ज्योग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स) आधारित सॉफ्टवेयर को टोल प्लाजाओं पर लागू करने का ऐलान किया है. इस पहल का मकसद राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रैफिक मूवमेंट्स को ट्रैक करना है, ताकि यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं दी की जा सके.
लाइव मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग सिस्टम से टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार को पहचान हो सकेगी और निर्धारित सीमा से ज्यादा होने पर भीड़भाड़ की चेतावनी और लेन डिस्ट्रीब्यूशन संबंधी अलर्ट देगा.
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NHAI के मुताबिक, इस सॉफ्टवेयर के जरिए लगभग 100 टोल प्लाजा की निगरानी की जाएगी. इससे हाईवे पर ट्रैफिक के प्रबंधन में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा, जिसकी मदद से आने वाले समय में यात्रियों के लिए और भी सुविधाएं लागू की जा सकेंगी.
टोल की रियल-टाइम होगी मॉनिटरिंग
जीआईएस तकनीक के इस्तेमाल से, NHAI टोल संचालन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा. इससे टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति को कम किया जा सकेगा. इस सॉफ्टवेयर द्वारा हासिल डेटा के एनालिसिस से और भी सुविधाओं को लागू किया जा सकेगा. खास बात ये है कि इस नए सिस्टम से यात्रियों का समय बचाने पर फोकस किया जाएगा.
टोल पर आएगी ट्रांसपेरेंसी
NHAI के अधिकारियों ने बताया कि इस अडवांस सिस्टम को अपनाने से टोल प्लाजा पर ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी तय की जा सकेगी. मसलन, जीआईएस आधारित ट्रैकिंग सिस्टम ट्रैफिक मूवमेंट्स के प्रबंधन की दिशा में एक अहम फैसला है. आमतौर पर देखा जाता है कि टोल प्लाजाओं पर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं.
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इससे न सिर्फ आम लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि अथॉरिटी को भी ट्रैफिक मैनेजमेंट में समस्या आती है. केंद्र सरकार लगातार यात्रियों के लिए हाईवे पर बेहतर सुविधाओं पर फोकस कर रही है. मसलन, आने वाले समय में ट्रैफिक मूवमेंट्स के संबंध में और भी कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.