पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानी एनएचआरसी की टीम बंगाल के दौरे पर है. मंगलवार को हिंसा की जांच के लिए जादवपुर गई एनएचआरसी की टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. एनएचआरसी के सदस्य आतिफ रशीद के साथ भी बदसलूकी की गई.
एनएचआरसी के सदस्यों को काम करने से रोका गया और उनको वहां से भगाया गया. एनएचआरसी के एक अधिकारी ने कहा, 'चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए जादवपुर गई एनएचआरसी टीम पर हमला किया गया, जांच के दौरान यह पाया गया कि यहां 40 से अधिक घरों को नष्ट कर दिया गया है, हम पर गुंडों द्वारा हमला किया जा रहा है.'
जब से बंगाल में विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित हुए हैं, तब से राजनीतिक हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक-दूसरे पर अपने कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप ला रही है. इन्हीं आरोपों की जांच करने के लिए एनएचआरसी की एक टीम बंगाल दौरे पर है.
एनएचआरसी की इसी टीम पर जादवपुर में कथित हमला हुआ है. घटना के बाद सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने बंगाल में लोकतंत्र पर सवाल उठाए हैं तो टीएमसी ने बीजेपी पर सियासत करने का आरोप लगाया है. टीएमसी विधायक मदन मित्रा ने कहा, 'किसी भी अफसर पर हमला नहीं किया जा सकता है, जनता टीम (एनएचआरसी) पर हमला क्यों करेगी?'
एनएचआरसी की टीम क्यों है बंगाल दौरे पर?
18 जून को कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच-जजों की पीठ ने एनएचआरसी के अध्यक्ष को पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा की घटनाओं में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के सभी मामलों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था. पीठ राज्य में चुनाव बाद हिंसा का आरोप लगाने वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
हाई कोर्ट ने एनएचआरसी को निर्देश दिया था कि समिति प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी. इसके अलावा समिति उचित कदम उठाने का भी सुझाव देगी ताकि कथित पीड़ित अपने घरों में शांति से रह सकें और अपनी आजीविका कमाने के लिए अपने व्यवसाय को जारी रख सके.