राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को तीन राज्यों में लॉरेंस बिश्नोई संगठित आतंकी-अपराध सिंडिकेट के सदस्यों की चार संपत्तियों को कुर्क कर लिया है. एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई देश में आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर गठजोड़ को ध्वस्त करने की दिशा में एक और बड़ा कदम है.
पीटीआई के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में एक समन्वित कार्रवाई में तीन अचल और एक चल संपत्ति जब्त की गई. एनआईए ने पाया कि ये सभी संपत्तियां आतंकवाद की कमाई से अर्जित थीं और इनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता था. कुर्क की गई संपत्तियों में लखनऊ के गोमती नगर एक्सटेंशन में एक फ्लैट शामिल है, जो उत्तर प्रदेश में आतंकी गिरोह के आश्रयदाता विकास सिंह का था.
कार्रवाई में कुर्क की गई दो अन्य संपत्तियां पंजाब के फाजिल्का के बिशनपुरा गांव में स्थित हैं और इनका स्वामित्व आरोपी दलीप कुमार उर्फ भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के पास है. एक एसयूवी, जोगिंदर सिंह के नाम पर पंजीकृत है, जिसे जब्त कर लिया गया.
जांच के निष्कर्षों का हवाला देते हुए, अधिकारी ने बताया कि विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है, जिसने दिसंबर 2022 में पंजाब पुलिस मुख्यालय पर रॉकेट चालित ग्रेनेड हमले में शामिल लोगों सहित आतंकवादियों को पनाह दी थी.
अधिकारी ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी गैंगस्टर काला राणा के पिता जोगिंदर सिंह आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद के परिवहन के लिए अपनी एसयूवी का उपयोग करने की अनुमति देकर सिंडिकेट के सदस्यों को सुविधा प्रदान कर रहे थे.
प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी दलीप कुमार की संपत्ति का इस्तेमाल हथियारों के भंडारण और छुपाने के लिए आश्रय या गोदाम के रूप में और आतंकवादी समूह के सदस्यों को शरण देने के लिए भी किया जा रहा था.
बता दें कि एनआईए ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ यूए(पी)ए के तहत मामला दर्ज किया था. एजेंसी की जांच से पता चला कि गिरोह के पास देश के कई राज्यों में माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क थे.