एनआईए ने शुक्रवार को टेरर फंडिंग और सीमा पार एलओसी व्यापार से जुड़े मामले में चार्जशीट दायर कर दी है. एजेंसी ने इस मामले में पुलवामा के तनवीर अहमद वानी और बारामूला के पीर अरशद इकबाल और बशीर अहमद सोफी को आरोपी बनाया है. यह मामला जम्मू-कश्मीर और पीओके के बीच क्रॉस एलओसी व्यापार के माध्यम से मुनाफाखोरी और धन जुटाने व जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उस धन का उपयोग करने से संबंधित है.
यह मामला जम्मू-कश्मीर और पीओके के बीच क्रॉस एलओसी व्यापार के माध्यम से मुनाफाखोरी और धन जुटाने और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उस धन का उपयोग करने से संबंधित है. 2008 में क्रॉस-एलओसी व्यापार बारामूला स्थित उरी में सलामाबाद और पुंछ के चाकन-दा-बाग स्थित में बने व्यापार सुविधा केंद्रों (टीएफसी) से शुरू किया गया था. एसओपी के अनुसार, वस्तु विनिमय प्रणाली के तहत 21 वस्तुओं को पीओके से आयात करने और जम्मू-कश्मीर से निर्यात करने की अनुमति दी गई थी लेकिन इसमें पैसे का कोई लेन-देन शामिल नहीं था.
ज्यादा आयात करते थे, कम मुनाफा दिखाते थे
जांच में पता चला है कि व्यापारी बहुत ज्यादा बादामों का आयात कर रहे थे और कम बिल दिखकर बेहिसाब मुनाफा कमाया रहे थे. जांच में यह भी पाया गया कि पीओके के क्रॉस एलओसी व्यापारियों में कुछ आतंकवादी हैं और कुछ हिजबुल मुजाहिद्दीन के समर्थक थे. इसके बाद अप्रैल 2019 में व्यापार को रोक दिया गया था.
रिश्तेदारों, दोस्तों के नाम कर रखी थी फर्में
जांच में पता चला कि आरोपी तनवीर अहमद वानी और पीर अरशद इकबाल क्रॉस-एलओसी व्यापारी थे. वे कई क्रॉस एलओसी व्यापार फर्मों को संभाल रहे थे. ये फर्में उनके और उनके दोस्तों, रिश्तेदारों, कर्मचारियों के नाम पर रजिस्टर्ड थे. आयातित बादामों के अंडर-इनवॉइसिंग के अतिरिक्त आयात से असाधारण मुनाफा कमाया गया था.
हिजबुल और जैश के आतंकियों को करते थे फंड
जांच से पता चला है कि दोनों आरोपियों के पीओके स्थित सीमा पार हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ भी व्यापारिक संबंध में थे. आतंकी फंड जुटाने के बाद आरोपी तनवीर अहमद वानी ने हिजबुल और जैश से जुड़े कई आतंकवादियों को कैश मुहैया कराया था. वहीं आरोपी पीर अरशद इकबाल हिजबुल के पूर्व आतंकवादी बशीर अहमद सोफी को धन मुहैया कराता था. इस मामले में आगे की जांच जारी है.