देश के 11 राज्यों में एनआईए ने पीएफआई से जुड़े लोगों के यहां बुधवार की देर रात से छापेमारी शुरू की. इस कार्रवाई के बाद इन राज्यों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें पीएफआई के नेशनल चेयरमैन ओएमएस सलाम और दिल्ली पीएफआई के चीफ परवेज अहमद भी शामिल हैं. देर रात शुरू हुई इस कार्रवाई में एनआईए के साथ ईडी और राज्यों की पुलिस भी शामिल थी.
केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी पर केंद्रीय गृह मंत्रालय अपनी नजर बनाए हुए था. इसके लिए अलग से मॉनिटरिंग करने वाली टीम बनाई गई थी. वहीं अब बताया जा रहा है कि केरल से गिरफ्तार हुए प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के चेयरमैन और दिल्ली पीएफआई के चीफ को एनआईए हेड क्वार्टर लाया जाएगा, जहां उनसे कई मामलों में पूछताछ की जाएगी. पीएफआई पर हुई इतनी बड़ी कार्रवाई से पीफआई और उसके राजनीतिक संगठन एसडीपीआई के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं, जिसको देखते हुए एनआईए हेड क्वार्टर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
केंद्रीय जांच एजेंसियों का पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने को लेकर ये अबतक का सबसे बड़ा एक्शन है. वहीं पीएफआई पर एक्शन के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की है. लेकिन सवाल ये उठता है कि पीएफआई पर अचानक ऐसे कार्रवाई क्यों की गई. दरअसल हाल ही में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का रोल कई मामलों में सामने आया है, जिसमें NIA पहले से ही जांच कर रही है.
एनआईए ने क्यों उठाए कदम?
1- पटना-फुलवारी शरीफ का मामला: यहां गजवा-ए-हिंद स्थापित करने की साजिश हो रही थी, जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में रेड की थी.
2- PFI ट्रेनिंग मामला: तेलंगाना के निजामाबाद में कराटे ट्रेनिंग के नाम पर PFI हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा था. एनआईए ने हाल ही में इसको लेकर भी छापेमारी की है.
3- प्रवीण नेत्तरू मर्डर: कर्नाटक में बीजेपी युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तरू की हत्या के मामले में भी PFI कनेक्शन सामने आया था, जिसमें NIA जांच कर रही है.
4- हिजाब विवाद: कर्नाटक में हाल ही में हुए हिजाब विवाद और उसके बाद हुए प्रदर्शन में भी पीएफआई का रोल सामने आया है. कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी कहा है कि इस विवाद के पीछे पीएफआई है. हिजाब को लेकर हुए प्रदर्शन में भी पीएफआई की फंडिंग के रोल पर जांच हुई थी.
5-CAA-NRC विरोध प्रदर्शन: नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हिंसा हुई, जिसमें PFI से जुड़े आरोपियों के यहां से आपत्तिजनक सामग्रियां, साहित्य और सीडी मिले थे. जिसको आधार बनाकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ महीनों पहले भेजा था.
बता दें कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में पीएफआई बीते कई महीनों से एक्टिव है. देशभर में हुए एंटी सीएए और एंटी एनआरसी प्रोटेस्ट में भी पीएफआई की भूमिका सामने आई थी.