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गृह मंत्रालय के आदेश पर एक्शन में NIA, मणिपुर हिंसा के 3 मामलों में शुरू की जांच

मणिपुर मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष से जूझ रहा है. राज्य में बढ़ती हिंसा और हाल में हुए अपराधों की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने एनआईए को जांच सौंपने का निर्णय लिया था. 

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एनआईए ने मणिपुर में हालिया हिंसा की जांच शुरू की. (PTI Photo)
एनआईए ने मणिपुर में हालिया हिंसा की जांच शुरू की. (PTI Photo)

दोषियों को शीघ्र सजा दिलाने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मणिपुर में हाल की हिंसा से संबंधित तीन प्रमुख मामलों की जांच शुरू कर दी है. मणिपुर मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष से जूझ रहा है. राज्य में बढ़ती हिंसा और हाल में हुए अपराधों की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने एनआईए को जांच सौंपने का निर्णय लिया था. 

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संघर्षग्रस्त राज्य में बढ़ती हिंसा के बीच और अपराधों की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय द्वारा एनआईए को जांच सौंपने का निर्णय लेने के बाद, आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने मणिपुर के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को सीआरपीएफ कैंप और राहत शिविर पर उग्रवादियों द्वारा हुए क्रूर हमलों के पीछे बड़ी साजिश का अंदेशा जताते हुए 13 नवंबर, 2024 को तीन नए मामले फिर से दर्ज किए हैं. 

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जिरीबाम में उग्रवादियों ने किया था हमला

पहले मामले में उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के बोरोबेक्रा में 11 नवंबर, 2024 को कई घर जला दिए थे और दो नागरिकों की हत्या कर दी थी. बाद में अज्ञात उग्रवादियों ने बोरोब्रेका पुलिस स्टेशन में बने सीआरपीएफ कैम्प पर हमला किया था, लेकिन कामयाब नहीं हो सके थे. सीआरपीएफ ने जवाबी कार्रवाई में 11 उग्रवादियों को मार गिराया था. सीआरपीएफ से मुठभेड़ के बाद पीछे हटते वक्त बोरोक्रेका पुलिस स्टेशन के पास बने रिलीफ कैंप से उग्रवादियों ने 3 महिलाओं और 3 बच्चों समेत 6 लोगों का अपहरण कर उनकी हत्या भी कर दी थी.

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सीआरपीएफ ने ढेर किए थे 11 उग्रवादी

सशस्त्र उग्रवादियों ने बोरोब्रेका पुलिस स्टेशन पर हमले से पहले जकुराधोर करोंग में स्थित कुछ घरों और दुकानों पर गोलीबारी और आगजनी की थी. बोरोबेक्रा थाने की पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने जवाबी कार्रवाई की. मुठभेड़ के बाद ली गई तलाशी में जले हुए घरों के अंदर से दो शव बरामद हुए थे. इन दोनों मामले में एनआईए ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 और शस्त्र अधिनियम, 1959 की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. 

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बोरोब्रेका पुलिस थाने पर उग्रवादियों के हमले में सीआरपीएफ का एक कांस्टेबल गोली लगने से घायल हो गया था. उसे इलाज के लिए सिलचर ले जाया गया. सुरक्षा बलों और पुलिस टीम की तलाशी के दौरान, हमले के आसपास से हथियार और गोला-बारूद के साथ 11 अज्ञात सशस्त्र आतंकवादियों के शव बरामद किए गए थे. तीसरा मामला जिरीबाम में सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा एक महिला की हत्या से संबंधित है. यह घटना 7 नवंबर को हुई थी, जब जिरीबाम के जेरोलपोकपी में एक 31 वर्षीय महिला के साथ उसके घर में सशस्त्र उग्रवादियों ने क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया और बाद में उसे जिंदा जला दिया. एनआईए की टीमों ने 21-22 नवंबर 2024 को घटनास्थल का दौरा किया और जांच शुरू की. स्थानीय पुलिस से मामले के दस्तावेज एनआईए को सौंपने की प्रक्रिया अभी चल रही है.
 

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