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भारतीय उच्चायोग पर हमले की जांच के लिए लंदन जाएगी NIA टीम, अमृतपाल के समर्थकों ने की थी हिंसा

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले की जांच के लिए एनआईए टीम लंदन जाएगी. 3 से 4 अफसरों की टीम वहां पहुंचेगी और मामले की जांच करेगी. बता दें कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में कुछ लोगों ने उच्चायोग पर हमला कर दिया था और वहां खालिस्तानी झंडा लगा दिया था.

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उच्चायोग पर हमले की जांच के लिए लंदन जाएगी NIA टीम
उच्चायोग पर हमले की जांच के लिए लंदन जाएगी NIA टीम

लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हिंसक प्रदर्शन मामले की जांच के लिए जल्द ही एनआईए की टीम लंदन जाएगी. एनआईए मौके से जानकारी जुटाकर अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ाएगी.

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एनआईए कुछ लोगों के बयान भी दर्ज करेगी, साथ ही हाई कमीशन के आसपास सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करेगी. एनआईए की इस टीम में 3 से 4 सदस्य शामिल होंगे.अभी कुछ दिनों पहले ही एनआईए ने इस मामले में केस दर्ज किया था. 

गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी. बाद में ये मामला एनआईए को ट्रांसफर हुआ है.

एनआईए की इस तफ्तीश के लिए एनआईए वरिष्ठ अधिकारी विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं ताकि यूके की पुलिस से अंतर्राष्ट्रीय नियमों के मुताबिक पूरा सहयोग इस मामले में मिल सके.

19 मार्च को लंदन में क्या हुआ था?

बता दें कि पंजाब के खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने हंगामा किया था.

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19 मार्च को खालिस्तान समर्थकों ने उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन के दौरान भारतीय झंडे को मिशन से उतारकर वहां खालिस्तान का झंडा लगा दिया था. प्रदर्शनकारियों ने उच्चायोग में तोड़फोड़ की थी और भारत विरोधी नारे लगाए थे. हालांकि, बाद में भारतीय अधिकारियों ने वहां पहले से भी ज्यादा बड़ा तिरंगा लहरा दिया था.  

भारतर सरकार ने लिया था एक्शन 

भारत ने उच्चायोग पर हमले और वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने पर सख्त आपत्ति जताई थी. विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश उच्चायोग के सबसे वरिष्ठ राजनयिक को तलब कर अपना विरोध जताया और उच्चायोग में सुरक्षा न होने पर सवाल किया था. भारत ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

भारत ने इसकी प्रतिक्रिया में नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग और दूतावास के आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था में कमी कर दी थी. इसके बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने एक बयान में कहा था कि ब्रिटेन भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा की समीक्षा कर रहा है.

उन्होंने कहा था कि भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाकर की गई हिंसा अस्वीकार्य है और उनकी सरकार भारतीय मिशन में सुरक्षा की समीक्षा के लिए स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है.

विदेश मंत्री ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया

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ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के परिसर में खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीय झंडे के अपमान और उच्चायोग में तोड़फोड़ को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी.

उन्होंने कहा था कि दूतावास या उच्चायोग के परिसर का सम्मान और राजनयिक को सुरक्षा प्रदान करना देशों का कर्तव्य होता है और ब्रिटेन ने अपने कर्तव्य को नहीं निभाया है.


 

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