कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर देश में अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. इस बीच एक और वायरस ने अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं. केरल में हाल ही में निपाह वायरस के मामले सामने आए हैं. निपाह वायरस के मामले सामने आने के बाद सभी तरह की सावधानियां बरती जा रही हैं.
इस निपाह वायरस ने तब हर किसी को हैरान कर दिया जब रविवार को केरल में एक 12 साल के बच्चे की इसकी वजह से मौत हो गई. केरल के कोझिकोडे में 12 साल के बच्चे का प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन उसने दम तोड़ दिया.
केरल के लिए ये चिंता का विषय इसलिए भी है, क्योंकि यहां कोरोना की ताजा लहर ने हालात बिगाड़ दिए हैं. देश में जितने भी केस आ रहे हैं, उसमें से 70 फीसदी करीब केरल से ही आ रहे हैं. अकेले केरल में ही 2 लाख के करीब कोरोना के एक्टिव केस हैं.
क्या है निपाह वायरस?
बता दें कि निपाह वायरस सबसे पहले 1998 में मलेशिया में पाया गया था. भारत के पश्चिम बंगाल में 2001 में इसके कई मामले सामने आए थे. ये भी कोरोना वायरस की तरह ही खतरनाक है, हालांकि ये हवा से नहीं फैलता है.
निपाह वायरस जानवर से मनुष्यों में फैलता है. इसका भी मूल कारण चमगादड़ ही होता है, लेकिन ताजा माहौल में किसी मनुष्य से मनुष्य में भी वायरस फैलने का डर बताया जा रहा है. इसके अलावा सूअरों से भी निपाह वायरस फैलने का डर है.
इस वायरस के लक्षण में तेज़ बुखार होना है, जो दो हफ्ते तक रहता है और शरीर को नुकसान पहुंचाता है. चिंता की बात ये है कि इस वायरस के कारण किसी भी व्यक्ति के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है, जो मौत की ओर ले जाता है.