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इन 5 देशों में निपाह की दहशत, अब तक नहीं बन पाई है वैक्सीन, समझें- क्यों माना जा रहा कोरोना से भी खतरनाक

केरल में निपाह वायरस के कारण दहशत का आलम है. यह वायरस कई देशों में अपना प्रकोप फैला रहा है. इसे पहली बार 1999 में पहचाना गया. यह वायरस अब तक पांच देशों - मलेशिया, सिंगापुर, बांग्लादेश, फिलीपींस और भारत में रिपोर्ट किया गया है. इसकी हिस्ट्री पर नजर डालें तो यह वायरस 2018 के बाद से केरल में चौथी बार सामने आया है.

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केरल में निपाह वायरस से हुई है दो लोगों की मौत (फाइल फोटो)
केरल में निपाह वायरस से हुई है दो लोगों की मौत (फाइल फोटो)

केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस  (NIV) के मामले फिर से सामने आने के बाद हाई अलर्ट है. यहां निपाह वायरस के संक्रमण से दो लोगों की मौत हो गई है. इसके साथ ही तीन अन्य मरीजों को अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया है. इनमें दो वयस्क और एक बच्चा भी शामिल है.

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यह वायरस केरल में बीते पांच सालों में चौथी बार सामने आया है. इसकी हिस्ट्री पर नजर डालें तो यह वायरस 2018 के बाद से केरल में चौथी बार सामने आया है. तब इस वायरस से 23 लोग संक्रमित हुए थे, जिनमें से 21 लोगों की जान चली गई थी. 2019 और 2021 में निपाह हल्का प्रकोप दिखा था, जिसमें दो लोगों की मौत की घटना सामने आई थी. 

निपाह क्या है: निपाह एक ज़ूनोटिक वायरस है, जिसका संक्रमण जानवर से इंसानों में होता है. यह दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे मनुष्यों के बीच स्राव के संपर्क में आने से फैल सकता है. 

क्या इस बार का वायरस अलग है: इस बार केरल में जो स्ट्रेन पाया गया है, वह बांग्लादेश से आया है. हालांकि इसे पहले के आए स्ट्रेन के मुकाबले कम संक्रामक माना जा रहा है. लेकिन इसकी मृत्यु दर अधिक है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह मानव से मानव में फैलता है. 

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क्या लक्षण हैं: सामान्य वायरल बुखार के लक्षण उत्पन्न करने के अलावा, यह संक्रमण तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है. इससे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र भी  प्रभावित हो जाता है. जिसके परिणामस्वरूप एन्सेफलाइटिस या मस्तिष्क की सूजन होती है. इससे 24 से 48 घंटे में मरीज कोमा में जा सकता है.

मृत्यु दर क्या हैः अनुमानित 40% से 75% संक्रमित मरीज़ निपाह वायरस संक्रमण के कारण होने वाली जटिलताओं से मर जाते हैं, लेकिन मृत्यु दर अलग-अलग हो सकती है.

इसे कैसे रोका जा सकता है: स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोविड-19 जैसे ही निवारक उपाय सुझाते हैं - मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइज़र का उपयोग. सावधानी से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है.

क्या इसका कोई इलाज है?
मनुष्यों या जानवरों के लिए निपाह के कोई टीके उपलब्ध नहीं हैं. सहायक देखभाल के अलावा कोई प्रभावी उपचार नहीं है.

शोधकर्ता वर्तमान में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी - इम्यूनोथेराप्यूटिक दवाएं विकसित कर रहे हैं जो सीधे वायरस से लड़ेंगी. लेकिन अभी तक कोई लाइसेंस प्राप्त उपचार उपलब्ध नहीं है. 
यह वायरस कई देशों में अपना प्रकोप फैला रहा है. इसे पहली बार 1999 में पहचाना गया. यह वायरस अब तक पांच देशों - मलेशिया, सिंगापुर, बांग्लादेश, फिलीपींस और भारत में रिपोर्ट किया गया है.

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ICMR के DG राजीव बहल ने कहा कि निपाह एक जूनोटिक वायरस है, जिसका जीवन धारक फ्रूट बैट होता है, जिसे फॉक्स बैट भी कहते हैं. निपाह में मौत की दर 40 से 70 प्रतिशत होती है, जबकि कोविड की मौत की दर 2-3 प्रतिशत थी.

केरल में क्यों सामने आते हैं मामले?
इस सवाल पर कि केरल में ऐसा क्यों होता है? कोविड और निपाह के मामले सबसे पहले क्यों केरल में सामने आते हैं? उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते". हमने पाया कि केरल में हुआ ब्रेकआउट फ्रूट बैट्स से संबंधित था. हमें यह नहीं पता कि संक्रमण फ्रूट बैट से मानवों तक कैसे पहुंचा. इस लिंक को स्थापित नहीं किया जा सका. हम इस बार फिर से इसका पता करने की कोशिश कर रहे हैं. यह हमेशा बरसाती मौसम में होता है. केरल क्यों? मुझे उत्तर नहीं पता है.

ICMR ने कहा कि, 'निपाह वैक्सीन कहीं तैयार नहीं है. इसकी वैक्सीन बनाना हमारा लक्ष्य है. इसके अलावा ICMR ने कुछ और सवालों पर भी जवाब दिए. मसलन

क्या हमें कोविड की चिंता करनी चाहिए? "हां, बिल्कुल, जरूर करनी चाहिए.
क्या वायरस म्यूटेटिंग है? "बिल्कुल हां"

फिर भी क्या है अच्छी खबर?
अच्छी खबर यह है कि हर वेरिएंट जिसका हमने सामना किया है, वह मूल ओमिक्रॉन वर्जन से अधिक घातक नहीं है. हमारी इम्यूनिटी स्थिति अच्छी है. मौत की दर बढ़ नहीं गई है. इस वक्त, हम कह नहीं सकते कि कोविड गया है. हमारी प्रतिरक्षा और यह तथ्य कि वायरस घातक कम होने की ओर म्यूटेटिंग है महत्वपूर्ण है. वायरस अधिक स्थायी हो रहा है और कम घातक है. हम जेनोम सीक्वेंसिंग जारी रखे हैं.

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कोझिकोड में एक हफ्ते तक स्कूल बंद
कोझिकोड में सभी शिक्षा संस्थान अगले रविवार तक एक हफ्ते के लिए बंद रहेंगे. इसमें स्कूल, पेशेवर कॉलेज, ट्यूशन सेंटर्स आदि शामिल हैं. पूरे हफ्ते के दौरान ऑनलाइन क्लासेस चलाने के लिए कहा गया है. वर्तमान में, संपर्क सूची में 1080 लोग हैं. शुक्रवार को 130 नए लोग शामिल हुए हैं. सूची में 327 लोग स्वास्थ्य कर्मचारी हैं. पड़ोसी जिलों में, लगभग 29 संपर्क सूची में हैं. इनमें मलप्पुरम में 22, कन्नूर में 3, त्रिशूर में 3, और वायनाड जिले में 1 व्यक्ति शामिल है.

30 अगस्त को मृत व्यक्ति पाया गया पॉजिटिव
हाई रिस्क कैटिगरी में 175 सामान्य लोग हैं और 122 स्वास्थ्यकर्मी हैं. स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने सूची में लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है. 30 अगस्त को मरने वाले व्यक्ति की टेस्टिंग रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें उसे पॉजिटिव पाया गया है. स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि इस समय, यह कहा जा सकता है कि अन्य सभी लोग इस मामले के माध्यम से संक्रमित हुए हैं.अब तक, 6 पॉजिटिव मामले और 83 नेगेटिव मामले सामने आए हैं.

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