'घटना को बीते एक हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि लड़की के साथ किसी एक शख्स ने मारपीट की है या उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है...एक डॉक्टर के साथ इतना घिनौना अपराध तब हुआ है जब वह अस्पताल में ड्यूटी पर थी. जब अस्पताल के अंदर डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं तो हम आम महिलाओं और लड़कियों के बारे में क्या सोच सकते हैं. सभी आरोपियों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए.उन्हें तुरंत सजा मिलनी चाहिए.' ये दर्द है निर्भया की मां आशा देवी का. उनकी मांग है कि आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए.
सीबीआई कर रही मामले की जांच
कोलकाता पुलिस ने गैरकानूनी तौर पर जमा होने वाली भीड़ को रोकने के लिए 18.8.2024 से सात दिनों के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आसपास बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023) की धारा 163 (जो पहले सीआरपीसी की धारा 144 थी) लागू कर दी है.
पूर्व प्रिंसिपल से हुई पूछताछ
सीबीआई ने शनिवार को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से लंबी पूछताछ की. संदीप घोष सीबीआई कार्यालय से 13 घंटे बाद बाहर निकले. वहीं, सीबीआई ने अब आरोपी संजय राय का साइकोलॉजिकल टेस्ट करने का फैसला किया है. इसके लिए दिल्ली से CFSL (केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) की टीम शनिवार को कोलकाता पहुंची. टीम आरोपी संजय रॉय का टेस्ट करेगी. इस टेस्ट के जरिए CBI की टीम आरोपी के बारे में जानने की कोशिश करेगी और उसकी मनोदशा को समझने का प्रयास किया जाएगा. कोलकाता पुलिस ने वारदात के दूसरे दिन ही टूटे हुए हेडफोन और सीसीटीवी से आरोपी की पहचान कर ली थी और फिर संजय राय को गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया है.
IMA ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
इस घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और लोग पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दरिंदगी के बाद हत्या के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है. IMA ने अपने पत्र में लिखा कि '9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा के साथ ड्यूटी के दौरान बेरहमी से रेप के बाद हत्या कर दी गई. इस घटना ने मेडिकल बिरादरी और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 15 अगस्त को अस्पताल में भीड़ ने तोड़फोड़ की, जिसमें घटनास्थल समेत अस्पताल के कई हिस्सों में तोड़फोड़ हुई. पेशे की प्रकृति के कारण डॉक्टर, विशेष रूप से महिला डॉक्टर हिंसा की चपेट में आती हैं. अस्पतालों और परिसरों के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अधिकारियों का काम है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना ने अस्पताल में हिंसा को सामने ला दिया है.'
सोशल मीडिया से तस्वीर हटाने की मांग
मामले में मृतक की तस्वीर, नाम और पहचान सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स से हटाने की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि मृत डॉक्टर की तस्वीर और उसके परिवार की पहचान उजागर करने से परिवार की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है. याचिका में सोशल मीडिया के लगभग सभी बड़े प्लेटफॉर्म्स को पक्षकार बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट में 20 अगस्त को इस अर्जी पर सुनवाई होगी.
बता दें कि 8-9 की दरमियानी रात आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर की घटना सामने आई थी. इसके बाद से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है.