पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक में भाग लेने दिल्ली पहुंच गई हैं. उन्होंने मीटिंग से पहले आजतक से खास बातचीत की. सीएम ने कहा कि नीति आयोग को खत्म कर योजना आयोग को वापस लाना चाहिए. ममता बनर्जी 2024 के आम चुनावों के बाद पहली बार नीति आयोग की बैठक में भाग लेने वाली इंडिया ब्लॉक की मुख्यमंत्रियों में से एक हैं.
आजतक से बातचीत में ममता ने कहा कि योजना आयोग नेताजी सुभाष चंद्र बोस का विचार था. नीति आयोग के पास कोई शक्ति नहीं है. इसमें पूर्ववर्ती योजना आयोग जैसी कोई शक्ति नहीं है. नीति आयोग राज्य सरकारों के साथ समन्वय में काम नहीं करता. उन्होंने कहा कि मैं न केवल बंगाल बल्कि भारत की सभी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों का मुद्दा उठाऊंगी.
इसे सहकारी संघवाद माना जाता है, लेकिन वे (विपक्ष) पक्षपाती हैं. वे इंडिया ब्लॉक की पार्टियों द्वारा शासित राज्यों की आर्थिक नाकेबंदी कर रहे हैं. बंगाल की सीएम ने कहा, नीति आयोग की बैठक में आने की कोई आवश्यकता नहीं है. हमें उनकी मंशा के बारे में पता नहीं है. बजट पहले ही रखा जा चुका है. यह जनविरोधी, गरीब विरोधी, राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण बजट है. मैंने कल अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था. लेकिन मुझे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया.
उन्होंने कहा कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी आ रहे हैं. विपक्ष पर हमला करते हुए ममता ने कहा कि वे देश को बांटना चाहते हैं. वे चुनाव के दौरान टुकड़े-टुकड़े की बात करते थे, अब वे देश को बांट रहे हैं. वे बिहार, झारखंड, बंगाल के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
एनडीए मजबूरी में गठबंधन सरकार में है: ममता
एनडीए सरकार पर ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने सरकार तो बना ली है, लेकिन उनके पास लोगों का जनादेश नहीं है. अगर आप जनादेश को देखें, इंडिया ब्लॉक के पास कुल मिलाकर 51% वोट शेयर है और एनडीए के पास 46% वोट शेयर है. एनडीए सरकार आपसी लड़ाई से गिर जाएगी. वे आपस में ही लड़ेंगे. बस इंतज़ार करें और देखें. बीजेपी गठबंधन की राजनीति में विश्वास नहीं करती है, वे मजबूरी में गठबंधन सरकार में हैं.
ममता ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव और उनका गठबंधन अच्छा प्रदर्शन करेगा. हरियाणा में बीजेपी हार जाएगी. झारखंड में हेमंत फिर से जीतेंगे. बिहार के लिए मैं अभी कुछ नहीं कह सकती. क्षेत्रीय दलों को फिर से प्रमुखता से सामने आना चाहिए.