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कोयला-मिनरल पर बढ़े रॉयल्टी, पेंशन फंड के ब्याज का पैसा वापस हो, नीति आयोग की बैठक में भूपेश बघेल की मांग

NITI Aayog Meeting: पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई, लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने इस बैठक में शामिल नहीं हुए. केसीआर ने अपने ना आने का कारण बताते हुए पीएम मोदी के नाम चिट्ठी भी लिखी. केसीआर के अलावा बिहार के सीएम नीतीश भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करते छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघले और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करते छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघले और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत.

NITI Aayog Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई. इस बैठक में ज्यादातर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए. मीटिंग में अलग-अलग राज्यों के सीएम ने पीएम के सामने अपनी समस्याएं रखीं.

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बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में कोयले सहित मुख्य खनिजों की रॉयल्टी दर में संशोधन का आग्रह किया. उन्होंने जीएसटी के मुआवजे का मुद्दा भी उठाया. बघेल ने जून 2022 के बाद भी अगले 5 साल के लिए जीएसटी मुआवजा अनुदान जारी रखने की अपील की.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली के कारण राज्य को राजस्व का नुकसान हो रहा है. उन्होंने नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों पर 12 हजार करोड़ के खर्च की प्रतिपूर्ति की मांग भी की.

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बैठक में सीएम बघेल ने और क्या कहा?

- केंद्रीय कर में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्यों के संसाधनों पर दबाव बढ़ा है.

- बघेल ने कर्मचारियों के हित में नई पेंशन योजना में जमा राशि वापस करने की मांग की.

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बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने मीटिंग का बहिष्कार किया था. इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बैठक में शामिल नहीं हुए.

केसीआर ने कई मुद्दों को लेकर बायकॉट किया था. उन्होंने कहा, 'मुझे नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेना जरूरी नहीं लग रहा है. केंद्र राज्यों के साथ भेदभाव करता है. और भारत को मजबूत और विकसित देश बनाने के सामूहिक प्रयास में भागीदारी नहीं करता'.केसीआर ने बकायदा पत्र लिखकर मीटिंग में न आने की वजह बताई हैं.

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उन्होंने पत्र में लिखा, 'हमारे देश के समान विकास को सुनिश्चित करने के लिए और राज्यों को केंद्र के साथ एक मंच पर लाने के लिए नीति आयोग शुरू किया गया था. नीति आयोग की पहल के पीछे एक और उद्देश्य यह था कि मजबूत राज्य ही एक मजबूत राष्ट्र बना सकते हैं. लेकिन हाल की घटनाओं से अहसास हो रहा है कि भारत सरकार जानबूझकर किए गए कामों से संघीय ढांचे को नष्ट किया जा रहा है'.

क्यों शामिल नहीं हुए नीतीश?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए. नीतीश पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव आए थे. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश हाल ही में कोरोना से उबरे हैं. ऐसे में वे बैठक में शामिल नहीं हुए.

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