केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में सड़क हादसों में हो रही मौतों पर गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि सरकार की लगातार कोशिशों के बावजूद दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि लोगों के मन में न तो कानून का सम्मान है और न ही इसका डर है.
प्रश्नकाल के दौरान बोलते हुए गडकरी ने कहा कि वे खुद भी एक सड़क दुर्घटना के शिकार रह चुके हैं और इस मुद्दे को लेकर काफी संवेदनशील रहते हैं. मंत्री ने दुर्घटनाओं को कम करने के लिए चार प्रमुख कारणों पर जोर दिया: सड़क इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, कानून का पालन और लोगों की शिक्षा.
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सिर्फ हेल्मेट न पहनने से 30 हजार मौतें
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "समाज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि न ही कानून का सम्मान है, और न ही उसका डर. लोग लाल सिग्नल पर रुकते नहीं, हेल्मेट नहीं पहनते." उन्होंने कहा, "सिर्फ हेल्मेट न पहनने की वजह से 30,000 मौतें होती हैं."
नितिन गडकरी ने संसद को बताया कि वह खुद भी एक सड़क दुर्घटना का शिकार हुए हैं और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली 1.68 लाख मौतों से दुखी हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि नियमों का सख्ती से पालन नहीं होने से दुर्घटनाएं नहीं रुक रही हैं और इस दिशा में जनता, मीडिया, और समाज के सहयोग की जरूरत है.
सुधार के लिए 40 हजार करोड़ खर्च करने का प्लान
केंद्रीय मंत्री ने स्पीकर से इस मुद्दे पर खास चर्चा की मांग की और कहा कि सरकार हालात सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है. नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने दुर्घटना स्थलों पर सुधार के लिए 40,000 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है.
गडकरी ने यह भी बताया कि बुधवार को उनके सामने एक कार ने ट्रैफिक सिग्नल को तोड़ा. यह घटना कानून के प्रति लोगों की अनदेखी का एक और उदाहरण है. उन्होंने कहा कि सरकार ब्लैकस्पॉट्स की पहचान कर रही है और इनको ठीक करने के लिए ठोस कदम उठा रही है.