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कर्नाटक: हिजाब बैन करने वाले शिक्षक को नहीं करेंगे सम्मानित, विरोध के बाद सिद्धारमैया सरकार का यू-टर्न

कर्नाटक सरकार ने प्रिंसिपल बीजी रामकृष्ण को शिक्षक दिवस के मौके पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार देने का ऐलान किया था, लेकिन कार्यकर्ताओं और एसडीआईपी के विरोध के बाद सरकार ने इस फैसले पर रोक लगा दी है.

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The principal has been accused of ill-treating students wearing hijab.
The principal has been accused of ill-treating students wearing hijab.

कर्नाटक शिक्षा विभाग ने पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल बीजी रामकृष्ण को घोषित सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल पुरस्कार पर रोक लगा दी है. शिक्षा विभाग ने ये फैसला SDIP के कड़े विरोध के बाद लिया है. एसडीआईपी ने ट्वीट कर प्रिंसिपल रामकृष्ण को पुरस्कार मिलने पर आपत्ति जताई थी.

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दरअसल, मंगलवार को कर्नाटक सरकार ने घोषणा की कि शिक्षक दिवस के मौके पर उडुपी जिले के कुंदापुर में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल रामकृष्ण बीजी समेत कुल 41 शिक्षकों, प्रिंसिपलों और लेक्चरर्स को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले के बाद कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों के एक वर्ग ने रामकृष्ण के नाम पर आपत्ति जताते हुए नाराजगी व्यक्त की और आरोप लगाया कि वह भाजपा सरकार के दौरान उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का मुद्दा उठाया था.

बीजी रामकृष्ण के नाम पर विरोध होने के बाद कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने उन्हें पुरस्कार दिए जाने के फैसले पर रोक लगा दी. 

SDIP ने जताई नाराजगी

एसडीआईपी के स्टेट जनरल सेक्रेटरी ने कर्नाटक सरकार के फैसले का विरोध करते हुए एक्स पर लिखा, भाजपा सरकार के कार्यकाल में किये गये सामुदायिक कार्यों को कांग्रेस सरकार के पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया...? रामकृष्ण बी.जी., जो सरकारी अंडर ग्रेजुएट कॉलेज, कुंदापुर के प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत हैं जो दो साल पहले हिजाब विवाद में छात्राओं को कॉलेज में एंट्री करने से रोक दिया था. और हिंदू छात्रों को भड़काया था, जिससे पूरे राज्य में सांप्रदायिक तनाव हो गया था. अब कांग्रेस सरकार उन्हें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार देने की योजना बना रही है. कांग्रेस सरकार हिंदुत्व के विकास में सक्रिय रहने वाले प्राचार्य को यह पुरस्कार दे रही है.

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भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान, कुंडापुरा गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल रामकृष्ण बी.जी. सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल थे. दो साल पहले हिजाब विवाद के बीच उन्होंने छात्राओं को गेट पर रोक दिया और अप्रत्यक्ष रूप से हिंदू छात्रों को उनके खिलाफ भड़काया, जिससे राज्य में सांप्रदायिक अशांति फैल गई. इसके बावजूद कांग्रेस सरकार अब उन्हें राज्य स्तरीय सम्मान दे रही है. यह कदम इस बात पर सवाल उठाता है कि क्या भविष्य में जगदीश कारंत या कल्लाडका जैसी अन्य हस्तियों को भी सम्मानित किया जा सकता है.

साल 2022 में हुआ था विवाद

बता दें कि यह विवाद फरवरी 2022 से उपजा था, जब रामकृष्ण ने हिजाब पहनने वाली महिला छात्रों को कक्षाओं में आने से रोक दिया था.

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