मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार को अपनी महत्वाकांक्षी 5 गारंटी योजनाओं को लागू करने में देरी को लेकर बढ़ती आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. गृह लक्ष्मी योजना की महिला लाभार्थियों को पिछले 3 महीनों से ₹2,000 मासिक वित्तीय सहायता नहीं मिली है. इसी तरह अन्न भाग्य योजना के लिए अतिरिक्त धनराशि, जो 5 किलो चावल के बदले नकद प्रदान करती है, पांच महीनों से जारी नहीं की गई है. महिला लाभार्थियों में इसे लेकर गुस्सा है, जबकि राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपना बचाव करते हुए कहा कि कोई भी गारंटी योजना बंद नहीं की जाएगी.
कर्नाटक में कांग्रेस की गारंटी योजनाओं का क्या है हाल
गृह लक्ष्मी योजना
गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिला लाभार्थियों को 2000 रुपये महीने की आर्थिक मदद का भुगतान तीन महीने से लंबित है. अगर सरकार तीनों महीने की राशि जारी करती है, तो उसे ₹7,517 करोड़ खर्च करने होंगे. इस योजना के लिए कुल 1.5 करोड़ महिलाएं पंजीकृत हैं. इन्हें 2000 रुपये देने के लिए अनुमानित मासिक खर्च ₹2,500 करोड़ है.
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अन्नभाग्य योजना
अन्न भाग्य योजना के तहत, बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्डधारक प्रति माह 10 किलोग्राम चावल के हकदार हैं, केंद्र सरकार 5 किलोग्राम प्रदान करती है और राज्य सरकार अतिरिक्त 5 किलोग्राम या इसके बराबर नकद राशि प्रदान करती है. चार सदस्यीय बीपीएल परिवार को 40 किलो चावल की जगह मात्र 20 किलो चावल दिया जाता है. चावल की कमी के कारण, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने इसके बदले ₹34 प्रति किलोग्राम की दर से ₹680 प्रति परिवार भुगतान करने का वादा किया था. लेकिन, पिछले 5 महीने से लाभार्थियों को यह राशि नहीं मिली है.
राज्य में कुल 1.16 करोड़ बीपीएल कार्ड धारक परिवार है और लाभार्थियों की संख्या 3.93 करोड़ है. वहीं अंत्योदय कार्ड धारकों की संख्या 10.8 लाख है और लाभार्थी 43.8 लाख हैं. इस तरह कर्नाटक में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 1.26 करोड़ है और कुल लाभार्थी 4.40 करोड़ हैं.
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कर्नाटक का वित्त वर्ष 2024-25 का बजट
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹3.71 लाख करोड़ का बजट पेश किया था. इसमें से ₹1.05 लाख करोड़ रुपये सरकार ने कर्ज के रूप में उठाया है. राज्य सरकार का राजस्व व्यय ₹2.9 लाख करोड़ का है. पूंजीगत व्यय ₹55,877 करोड़ और ऋण चुकौती ₹24,794 करोड़ का है.
कांग्रेस की गारंटी योजनाओं के लिए बजट
कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने चुनाव के दौरान कर्नाटक की जनता से किए गए अपनी 5 गारंटी योजनाओं को पूरा करने के लिए 2023-24 में ₹36,000 करोड़ और 2024-25 में ₹52,000 करोड़ का बजट आवंटन किया था. सिद्धारमैया सरकार ने 2024-25 के बजट के तहत विभिन्न खर्चों के लिए दिसंबर 2025 तक कुल ₹3,30,880 करोड़ धनराशि का आवंटन किया था. वहीं इसमें से सिर्फ ₹2,02,977 करोड़ धन राधि सरकार की ओर से जारी की गई. वर्तमान वित्त वर्ष में सरकार ने कुल ₹1,89,299 करोड़ विभिन्न मदों में खर्च किए हैं. इस तरह वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आवंटित और जारी किए गए बजट में ₹1,27,903 करोड़ यानी 61.3% का गैप है. वहीं आवंटन और खर्चे की बात करें तो यह गैप ₹1,41,581 करोड़ यानी 57.2% का है.
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विभागवार बजट की कमी
शिक्षा विभाग के लिएकर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ₹37,452 करोड़ बजट आवंटन की घोषणा की थी, जबकि दिसंबर 2024 तक सिर्फ ₹24,199 करोड़ जारी किए थे. शिक्षा विभाग को आवंटित बजट का ₹13,253 करोड़ अभी नहीं मिला है.
महिला और बाल विकास विभाग के लिए इसी तरह बजट में ₹35,611 करोड़ के आवंटन की घोषणा हुई थी, जबकि सिर्फ ₹22,053 करोड़ रिलीज किए गए हैं, अभी ₹13,558 करोड़ पेंडिंग हैं.
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को बजट में ₹9,948 करोड़ का आवंटन हुआ था, और सिर्फ ₹4,162 करोड़ जारी हुए हैं. अभी ₹5,786 करोड़ पेंडिंग हैं.
ग्रामीण विकास विभाग के लिए 2024-25 के बजट में ₹25,936 करोड़ की राशि आवंटित की गई थी, लेकिन दिसंबर 2024 तक सिर्फ ₹10,408 करोड़ की राशि जारी की गई थी. अभी ₹15,528 करोड़ पेंडिंग हैं.
जल संसाधन विभाग को ₹17,444 करोड़ राशि आवंटित हुई थी, जबकि सिर्फ ₹9,256 करोड़ जारी की गई. अभी ₹8,188 करोड़ बकाया है.