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'कोई जल्दबाजी नहीं,' राहुल की संसदीय सीट वायनाड में उपचुनाव पर बोले CEC

राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने वायनाड लोकसभा उपचुनाव के अयोजन को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा- इसकी कोई जल्दबाजी नहीं है, निचली अदालत ने अपील के लिए एक महीने का समय दिया है.

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राहुल गांधी (फाइल फोटो)
राहुल गांधी (फाइल फोटो)

कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने के बाद वायनाड लोकसभा उपचुनाव को लेकर चर्चाएं चल रही हैं. ऐसे में इस मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ किया है कि इसकी कोई जल्दबाजी नहीं है, निचली अदालत ने अपील के लिए एक महीने का समय दिया है.

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उन्होंने कहा कि वायनाड संसदीय दल में वैकेंसी को इस साल 23 मार्च को अधिसूचित किया गया था और कानून के अनुसार छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना होता है. कुमार ने कहा कि कानून यह भी कहता है कि यदि कार्यकाल की शेष अवधि एक वर्ष से कम थी, तो चुनाव नहीं होगा. वायनाड के मामले में, शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है. 

क्यों रद्द हुई राहुल की संसद सदस्यता?

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मोदी सरनेम केस के मानहानि के चार साल पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई थी. अदालत के इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत स्पीकर ने यह कार्रवाई की.

राहुल को मानहानि मामले में दो साल की सजा

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दरअसल, साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी भाषण दे रहे थे. इस भाषण में राहुल ने कथित तौर पर ये कहा था, 'इन सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?'. राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. पूर्णेश मोदी सूरत पश्चिमी से बीजेपी विधायक हैं और पेशे से वकील हैं. पूर्णेश मोदी का आरोप था कि राहुल गांधी की इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की है. इस मामले की सुनवाई सूरत की अदालत में हुई और राहुल को दो साल की सजा सुनाई गई.

राहुल के मामले में विपक्ष एकजुट

सांसदी जाने के बाद से ही राहुल गांधी को लेकर सियासत तेज है. विपक्षी नेताओं में भी खूब एकजुटता दिखाई दे रही है. बीते दिन यानी रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सांसदी जाने के बाद अपने ट्विटर बायो में भी बदलाव कर लिए. अब राहुल ने अपने बायो में 'डिसक्वालीफाइड MP' को खास मेंशन किया है.

अयोग्यता से बच सकते हैं राहुल, मिली 30 दिन की मोहलत

जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत सांसद या विधायक सजा के सस्पेंड रहने और दोषी करार देने वाले फैसले पर रोक लगने के बाद ही अयोग्यता से बचा जा सकता है. निचली अदालत ने राहुल के अपील के लिए एक महीने का समय दिया है. अगर अपील करने पर सजा निलंबित होती है तो अयोग्यता भी अपने आप खत्म हो जाएगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो सजा काटने के बाद राहुल गांधी पर 2029 तक के चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी. ऐसे में बहुत कुछ इन्हीं 30 दिनों में निर्भर करने वाला है.

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