रेलवे बोर्ड एक बड़ा और अहम कदम उठाने जा रहा है. बोर्ड अपने नियमित समय सारिणी के तहत देश भर में प्रवासी श्रमिकों और मजदूरों जैसे कम आय वाले समूहों के लिए गैर-वातानुकूलित (Non AC), सामान्य श्रेणी की ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है. आमतौर पर, इस तरह की विशेष ट्रेनें त्योहार के समय या गर्मियों में उस समय अस्थायी रूप से चलाई जाती हैं जब छुट्टियों के मौसम के कारण भीड़ होती है. नई ट्रेनों के सेवाएं स्थायी होंगी.
स्टडी के बाद लिया गया फैसला
अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय एक स्टडी के बाद लिया गया है. स्टडी में उन राज्यों की पहचान की गई जहां सफर करने वाले यात्रियों का एक बड़ा तबका कम आय वर्ग का था और जहां टिकट के लिए लंबी अवधि की वेटिंग थी. प्रवासी स्रोत राज्य ऐसे राज्य के रूप में उभरे जिन्हें इस तरह की ट्रेनों की अधिक आवश्यकता थी. यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब यात्री ट्रेनों में भीड़भाड़ का मुद्दा यात्रियों द्वारा विशेष रूप से सोशल मीडिया पर उठाया गया है. रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जनवरी 2024 से नई ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की संभावना है.
इन राज्यों को मिलेगा फायदा
ये ट्रेनें गैर-वातानुकूलित एलएचबी कोच वाली होंगी और इनमें केवल स्लीपर और सामान्य श्रेणी की सेवा होगी. रेलवे ने अभी तक इन नई तरह की ट्रेनों का नाम नहीं रखा है. इससे पहले, कोरोनोवायरस संकट के दौरान, रेलवे ने श्रमिकों को उनके मूल स्थानों पर लौटने के लिए प्रवासी विशेष ट्रेनें चलाई थीं.
रेलवे बोर्ड के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश राज्यों के लिए नई विशेष ट्रेनों की योजना बनाई जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि इन राज्यों से अधिकांश कुशल-अकुशल कामगार, कारीगर, मजदूर और अन्य लोग काम के लिए महानगरों और बड़े शहरों में जाते हैं.
क्या होगी विशेषताएं
एक अधिकारी ने बताया, 'इन लोगों के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी जिनमें केवल स्लीपर-जनरल श्रेणी के कोच लगेंगे. प्रवासी स्पेशल ट्रेनों में न्यूनतम 22 से अधिकतम 26 कोच होंगे. इन्हें मौसमी के बजाय पूरे साल स्थायी रूप से चलाया जाएगा. इन्हें नियमित समय सारिणी में भी शामिल किया जाएगा, जिससे यात्री पहले से रिजर्वेशन करा सकेंगे.'
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रेलवे को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए, केवल दो प्रकार के कोच अंततः सेवा में रखे जाएंगे - एलएचबी कोच और अन्य वंदे भारत कोच. वर्तमान में, सेवा में 28 प्रकार के कोच हैं. इससे मरम्मत की लागत कम हो जाएगी और यात्रा सस्ती होगी.