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शिमला नहीं, अब 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी विपक्षी दलों की बैठक, शरद पवार का ऐलान

एनसीपी चीफ शरद पवार ने बैठक की जगह बदलने की ऐलान किया है. उन्होंने जानकारी दी है कि बेंगलुरु में 13 और 14 जुलाई को बैठक का आयोजन किया जाएगा. इससे पहले तक कहा गया था बैठक का आयोजन शिमला में होगा. पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि ये सत्ता में रहे बिना नहीं रह सकते. राज्य में बीजेपी नेता सत्ता में रहने के लिए बेचैन हैं.

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विपक्षी दलों की बैठक को लेकर शरद पवार का ऐलान (File Photo)
विपक्षी दलों की बैठक को लेकर शरद पवार का ऐलान (File Photo)

लोकसभा चुनावों के मद्देनजर महागठबंधन की कवायद में जुटे विपक्षी दलों की दूसरे चरण की बैठक अब बेंगलुरु में होगी. इससे पहले तक कहा गया था बैठक का आयोजन शिमला में किया जाएगा, लेकिन अब एनसीपी चीफ शरद पवार ने बैठक की जगह बदलने की ऐलान किया है. उन्होंने जानकारी दी है कि बेंगलुरु में 13 और 14 जुलाई को बैठक का आयोजन किया जाएगा.

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पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि ये सत्ता में रहे बिना नहीं रह सकते. राज्य में बीजेपी नेता सत्ता में रहने के लिए बेचैन हैं.

उन्होंने अजित पवार के साथ मिलकर बीजेपी की फडणवीस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सुबह अजित पवार के साथ शपथ ग्रहण कार्यक्रम ने साफ कर दिया था कि बीजेपी सत्ता में रहने के लिए किसी के भी साथ जा सकती है. मैं यही साबित करना चाहता था और यह साबित हो गया. आप इसे मेरा जाल कह सकते हैं या कुछ और. यह आपको तय करना है.

दरअसल, देवेंद्र फडणवीस ने 2019 में महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए शरद पवार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि 2019 में चुनाव नतीजों के बाद हुए एनसीपी के कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि वो एक स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. फिर इसको लेकर शरद पवार के साथ एक बैठक हुई और फैसला लिया गया कि सरकार बनाई जाएगी. मुझे और अजित पवार को सभी पावर दी गईं. लेकिन शपथ ग्रहण की तैयारियों के बीच शरद पवार ने अपना फैसला वापस ले लिया. तब अजित पवार के साथ मिलकर मैंने सुबह-सुबह शपथ ली थी."

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23 जून को पटना में हुई थी पहली बैठक

बता दें कि 23 जून को पटना में 15 विपक्षी दलों की एकजुटता बैठक हुई थी. इसमें ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, एमके स्टालिन समेत छह राज्यों के सीएम और अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, महबूबा मुफ्ती समेत 5 राज्यों के पूर्व सीएम शामिल हुए. राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी बैठक में मौजूद रहे थे. बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और पीएम नरेंद्र मोदी व बीजेपी को सत्ता से हटाने को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई. 

बैठक के बाद सभी नेताओं ने साझा प्रेस कांफ्रेंस भी की. इसमें सभी नेताओं ने कहा कि अगामी लोकसभा चुनाव में एकजुटता पर सहमति बनी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. अगले महीने होने वाली अगली बैठक इसे अंतिम रूप देगी. दूसरी बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा होगी. एक साथ चलने की सहमति हुई है. अगली बैठक में तय होगा कि कौन कहां लड़ेगा. जो शासन में है वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं. वे सब इतिहास बदल रहे हैं.

शिमला में 12 जुलाई को तय हुई थी दूसरी बैठक

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तब प्रेस कांफ्रेसं के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि हम 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं, जिसमें हम एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे. हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा. वहीं राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और RSS हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रही है. यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं. हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे. यह विपक्षी एकता की प्रक्रिया है जो आगे बढ़ेगी.

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