पाकिस्तान, कनाडा और ब्रिटेन में अपने साथियों की हत्या या संदिग्ध मौत के बाद खालिस्तानी संगठन बौखलाए हुए हैं. ऐसे में खालिस्तानी संगठनों ने कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं. खालिस्तानी शनिवार को कनाडा के टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करने के लिए जुटे, लेकिन यहां भारतीय समुदाय के लोगों से उन्हें 'गांधीवादी' तरीके से मुंहतोड़ जवाब मिला. इसके बाद खालिस्तानियों की बौखलाहट और बढ़ गई. कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने भारत की शान में तिरंगा ऊंचा कर रहे भारतीय नागरिकों पर हमले की भी कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने हमला करने वाले खालिस्तानियों को हिरासत में ले लिया.
क्यों बौखलाए हुए हैं खालिस्तानी?
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी और पन्नू के करीबी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या कर दी गई थी. उस पर भारत की जांच एजेंसी की ओर से 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. इससे पहले खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवार (63) को पाकिस्तान के लाहौर में छह मई को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी. इतना ही नहीं इन दोनों के अलावा आतंकी अवतार सिंह खांडा की 15 जून को ब्रिटेन में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. खालिस्तानी समर्थक संगठन दावा कर रहे हैं कि इन मौतों के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है. इसी के विरोध में खालिस्तानी भारत और ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भारतीय राजनयिकों के विरोध में रैलियां निकाल रहे हैं.
8 जुलाई को निकाली गई थीं रैलियां
8 जुलाई को भी खालिस्तानी समर्थकों ने लंदन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा समेत कुछ देशों में भारत के खिलाफ रैली निकाली, जिसको 'Kill india railly' नाम दिया गया था. लंदन में इस मार्च को खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पम्मा ने लीड किया. ये आतंकी भारत से फरार होकर लंदन में खुलेआम घूम रहा है.
- इसी तरह से टोरंटो में खालिस्तानियों ने भारतीयों दूतावासों के बाहर प्रदर्शन किया. खालिस्तानी समर्थक बड़ी संख्या में गाड़ियों से निकले थे. बड़े-बड़े बैनर पोस्टर में भारतीय राजनयिकों के फोटो भी लगाए गए थे. डिप्लोमेट संजय कुमार वर्मा की फोटो भी शामिल थी. इन सभी को खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर का दोषी बताया गया था.
खालिस्तानी झंडे के जवाब में तिरंगा, भारत माता की जय के लगे नारे
लेकिन यहां भारतीय समुदाय के लोगों ने खालिस्तानियों को करारा जवाब दिया. भारतीय समुदाय ने दूतावास के बाहर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के सामने तिरंगा लहराया. इतना ही नहीं खालिस्तानियों के सामने ही भारतीय नागरिकों ने भारत माता की जय, हर-हर महादेव और वंदे मातरम के नारे लगाए.
- यह पहला मौका नहीं है, जब विदेश में भारतीय नागरिकों ने इस तरह से खालिस्तानी गतिविधियों का खुलकर विरोध किया हो. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में भी खालिस्तानी और भारतीय नागरिक आमने सामने आ गए थे. इसके बाद बौखलाए खालिस्तानियों ने भारतीय नागरिकों पर हमला भी कर दिया था.
कम होने के बावजूद किया सामना
बताया जा रहा है कि खालिस्तानी समर्थकों की तुलना में भारतीय समुदाय के सदस्य कम थे. ऐसे में खालिस्तानियों ने बौखलाकर उनपर हमला किया. इसके बावजूद भारतीय समर्थक टस से मस नहीं हुए. भारतीय समुदाय के सदस्य अरविंद मिश्रा ने कहा, हम खालिस्तानियों के खिलाफ अपना प्रदर्शन करने में सफलतापूर्वक सक्षम थे. उन्होंने कहा, ये खालिस्तानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं का उल्लंघन करते रहते हैं.
सिख समुदाय ने भी दिया बड़ा संदेश
- इससे पहले विदेशों में रह रहा सिख समुदाय भी खालिस्तानियों का विरोध करता देखा गया है. ताकि ये संदेश जा सके कि विदेशों में जो पूरी सिख कम्युनिटी है, वो खालिस्तानी नहीं है. यही वजह है कि भारतीय समुदाय जो पोस्टर लेकर पहुंचे थे, उनमें साफ लिखा भी है- हर कोई खालिस्तानी नहीं है. सिख कम्युनिटी के लिए इस तरह का संदेश आगे बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. चूंकि, लोग सारे सिख को एक ही नजरिए से देखने लगते थे.
खालिस्तानियों से निपटने के लिए तैयार भारत सरकार
- विदेशों में खालिस्तानी गतिविधियों को देखते हुए भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भी कमर कस ली है और कार्रवाई का पूरा मन बना लिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, खुफिया एजेंसी और एनआईए ने विदेशों में रह रहे खालिस्तानी आकाओं की पूरी लिस्ट तैयार की है. इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम सिख फॉर जस्टिस के भगोड़े आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का है. लिस्ट में 6 देशों में छिपे बैठे 20 खालिस्तानी आतंकियों का नाम है.
इस लिस्ट को बनाने का मकसद यह है कि इन खालिस्तानी आतंकवादियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके. विदेशों में बैठे सिख फॉर जस्टिस (SFJ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI), खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स (KLF), खालिस्तान टाइगर फोर्स (KT F), खालिस्तान ज़िंदाबाद फोर्स (KZF), खालिस्तान कमांडो फ़ोर्स (KCF) इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) और दल खालसा इंटरनेशनल (DKI) के सदस्यों के नामों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है.