भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल इस महीने की आखिरी में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करने जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि यह बैठक भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर समाधान खोजने के लिए विशेष प्रतिनिधि वार्ता के रूप में आयोजित की जाएगी.
इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग क्षेत्र से दोनों देशों की सेनाओं के सफलतापूर्वक डिसइंगेजमेंट के बाद एक बड़ा समाधान खोजना है. गलवान संघर्ष के बाद यह पहली विशेष प्रतिनिधि वार्ता होगी, जबकि आखिरी बार ऐसी बैठक पांच साल पहले दिसंबर 2019 में हुई थी.
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बफर जोन बनाने पर हो सकती है चर्चा
विशेष प्रतिनिधि वार्ता के दौरान आगे की बातचीत के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी, जिनमें खासतौर पर बफर जोन बनाने पर चर्चा की जा सकती है. इसके बाद अगले कोर कमांडर स्तर की बैठक हो सकती है, जिससे कि दोनों देशों के बीच सीमा पर स्थिति की अधिक स्थिरता और स्पष्टता बनाई जा सके.
दिल्ली में आयोजित मीटिंग के बाद हो रही मुलाकात
यह वार्ता हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित हुए वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) बैठक के दौरान आपसी सहमति से आयोजित की जा रही है. एक स्थायी समाधान खोजना दोनों देशों के लिए अहम है, क्योंकि बीते कुछ वर्षों से एलएसी पर तनाव से द्विपक्षीय संबंध खराब हुए हैं.
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शांतिपूर्ण समाधान और क्षेत्र में स्थिरता के लिए बैठक
जानकारों का मानना है कि यह वार्ता दोनों देशों के लिए एक अहम मील का पत्थर साबित हो सकती है, क्योंकि इससे न सिर्फ शांतिपूर्ण समाधान के लिए नए रास्ते खुलेंगे, बल्कि क्षेत्र में स्थिरता भी बढ़ेगी. अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस वार्ता से दोनों देशों के बीच ठोस और सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं.