मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. युवा लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर उतर गए. जमकर तोड़फोड़ की गई. इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कहा कि सुरक्षा काफी संवेदनशील मुद्दा है. पूरी दुनिया बदल रही है. हमें भी बदलने की जरूरत है. हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें बदलना होगा. उन्होंने कहा कि भारत के चारों ओर माहौल बदल रहा है.
NSA ने कहा कि एक बात याद रखना चाहिए कि कोई भी सेना में पैसे के लिए नहीं आता है. इसके साथ ही हम ऐसे युवाओं को चाहते हैं जो देश की सरकार पर भरोसा करे, सिस्टम और खुद पर भरोसा करे. कोई भी युवा अग्निवीर बनना चाहता है तो उसे ये बातें ध्यान रखनी चाहिए. अगर वह भावना नहीं हैं तो आप अग्निवीर नहीं बन सकते.
ANI के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 8 सालों में बहुत स्ट्रक्चरल सुधार हुए हैं. रेजिमेंट के सिद्धांत में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा, जो रेजिमेंट हैं वे रहेंगी. डोवाल ने कहा कि हम जो कल कर रहे थे, अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये कतई जरूरी नहीं है.
अग्निपथ सिर्फ योजनाभर नहीं है, क्योंकि जब पीएम सत्ता में आए तो उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता थी कि भारत को सुरक्षित और मजबूत किया जाए. इसके लिए कई स्टेप लिए गए. भविष्य को देखते हुए हमें योजनाएं बनानी हैं. 25 साल से CDS को लेकर का मामला अटका पड़ा था, राजनीतिक इच्छा शक्ति न होने की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा था. आज हमारे पास डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है.
डोभाल ने कहा कि हमारे पास असॉल्ट राइफल कारगर नहीं थी, इसे भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल से रिप्लेस किया जा रहा है.
अजीत डोभाल ने कहा कि इसमें दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं, एक तो वे हैं, जिन्हें चिंता है, उन्होंने देश की सेवा भी की है. जब भी कोई बदलाव आता है कुछ चिंताएं उसके साथ आती हैं. हम इसे समझ सकते हैं. जैसे-जैसे उन्हें पूरी बात का पता चल रहा है, वे समझ रहे हैं. जो दूसरा वर्ग है उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है. वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं. वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं। वे लोगों को भटकाना चाहते हैं.
अजीत डोभाल ने कहा कि अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे, अग्निवीर सिर्फ पहले 4 साल में भर्ती किए गए जवान होंगे. बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा. जो अग्निवीर नियमित होंगे(4 साल बाद) उन्हें आगे कड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी. अजीत डोभाल ने कहा कि आज भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा है. यह दुनिया की सबसे अच्छी असॉल्ट राइफल है. सैन्य उपकरणों में बहुत प्रगति की जा रही है.
रेजिमेंट का सिद्धांत अंग्रेज लेकर आए क्योंकि वो नेशनल आर्मी नहीं बनाना चाहते थे. पहली बार भारतीय सेना नेशनल आर्मी आज़ाद हिंद फौज के रूप में बनी थी. जिसमें रानी झांसी और महात्मा गांधी जैसी रेजिमेंट थी. 60 हजार की आजाद हिंद फौज में से 40 हजार शहीद हो गए थे.