केंद्र सरकार ने NSG कमांडो को VIP सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह हटाने और अगले महीने तक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत इन 9 VIP की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को सौंपने का आदेश दिया है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जिन VIP लोगों की सुरक्षा में एनएसजी तैनात है, उनकी सुरक्षा के लिए अब सीआरपीएफ को तैनात किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने हाल ही में संसद की सुरक्षा ड्यूटी से हटाए गए विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मियों की एक नई बटालियन को CRPF वीआईपी सिक्योरिटी विंग से जोड़ने की मंजूरी दी है.
इन 9 VIP की सुरक्षा करेगी CRPF
1- यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ
2-मायावती
3-राजनाथ सिंह
4-लालकृष्ण आडवाणी,
5-सर्बानंद सोनोवाल,
6-रमन सिंह,
7-गुलाम नबी आजाद,
8-एन चंद्रबाबू नायडू
9.फारुख अब्दुल्ला
एक महीने में शिफ्ट होगी ड्यूटी
सूत्रों ने बताया कि NSG के 'ब्लैक कैट' कमांडो द्वारा जिन 9 VIP को 'जेड प्लस' कैटेगरी के तहत सुरक्षा दी जा रही थी, अब इसका जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को दिया जाएगा. गृह मंत्रालय के तहत दोनों बलों (NSG-CRPF) के बीच ड्यूटी शिफ्ट एक महीने के भीतर पूरी होने की उम्मीद है. सीआरपीएफ के पास वीआईपी सुरक्षा के लिए 6 बटालियन हैं, इसमें अब सातवीं बटालियन को शामिल करने को कहा गया है. नई बटालियन वही है जो कुछ महीने पहले तक संसद की सुरक्षा करती थी.
CRPF से CISF को सौंपी गई थी संसद की सुरक्षा
पीटीआई के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल सुरक्षा में चूक के बाद संसद की सुरक्षा CRPF से CISF को सौंप दी गई थी. सूत्रों ने बताया कि नए कार्यभार को संभालने के तहत आंध्र प्रदेश पुलिस की एक टीम हाल ही में अपने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा को NSG से CRPF में बदलने के लिए दिल्ली आई थी.
योगी-राजनाथ को मिलेगा एडवांस सिक्योरिटी कॉन्टेक्ट प्रोटोकॉल का लाभ
सूत्रों के अनुसार इन 9 VIP में से 2 को सीआरपीएफ द्वारा अपनाए जा रहे एडवांस सिक्योरिटी कॉन्टेक्ट प्रोटोकॉल का भी लाभ मिलेगा. इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ शामिल हैं. दरअसल, एडवांस सिक्योरिटी कॉन्टेक्ट प्रोटोकॉल में उस स्थान की अग्रिम टोह ली जाती है, जहां वीआईपी को दौरा करना होता है. CRPF अपने 5 वीआईपी के लिए इस तरह का प्रोटोकॉल अपनाती है, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीन सदस्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं.
2012 से बन रही योजना
जानकारी के मुताबिक वीआईपी सुरक्षा कार्यों से NSG को मुक्त करने की योजना 2012 से ही बन रही है, जब एनएसजी कमांडरों ने ऐसी घटनाओं की आशंका जताई थी, जिसमें देश के कई सेंटर्स पर एक साथ आतंकी हमले हो सकते हैं और कमांडो को अलग-अलग दिशाओं में भेजा जाना होगा. पीटीआई के मुताबिक सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से एसपीजी हटाए जाने के बाद गृह मंत्रालय की एक समिति ने वीआईपी सुरक्षा कार्यों से एनएसजी को हटाने का फैसला लिया था.
NSG कमांडो यहां तैनात किए
केंद्र सरकार ने एनएसजी को "पुनर्गठित" करने के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर के पास और देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित हाई रिस्क वाले एरिया में कमांडो की 'स्ट्राइक टीमों' को तैनात करने का फैसला किया है. NSG बुधवार को अपना 40वां स्थापना दिवस मना रहा है.