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'कुछ नहीं होता इससे', ओडिशा रेल हादसे की CBI जांच की मांग पर ममता ने उठाए सवाल!

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई जांच के रेल मंत्रालय के सुझाव पर कहा कि मैंने 12 साल पहले ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. लेकिन अभी तक उसका कोई नतीजा सामने नहीं आया.

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ममता बनर्जी
ममता बनर्जी

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को एक भीषण रेल हादसा हुआ जिसमें अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई जांच के रेल मंत्रालय के सुझाव पर कहा कि मैंने 12 साल पहले ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. लेकिन अभी तक उसका कोई नतीजा सामने नहीं आया.

उन्होंने कहा कि मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है. मैं पीड़ित परिवारों की मदद करना चाहती हूं और उन्हें दोबारा बहाल करना चाहती हूं. बनर्जी ने कहा कि मैंने 12 साल पहले ज्ञानेश्वरी रेल हादसे की जांच सीबीआई को सौंपी थी.लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. सैंथिया मामले में भी मैंने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. लेकिन कुछ नहीं हुआ. सीबीआई आपराधिक मामलों की जांच करती है लेकिन यह दुर्घटना का मामला है. रेलवे सुरक्षा आयोग है, पहले जांच वही करते हैं. हम चाहते हैं कि लोगों को सच्चाई पता होनी चाहिए. यह समय सच्चाई को दबाने का नहीं है. उन परिवार वालों के बारे में सोचें जो अपनों को खो चुके हैं.

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उन्होंने कहा कि अभी तक बहुत सारे शवों की पहचान नहीं हो पाई है. मेरी जानकारी में ऐसे 120 शव हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है.

सीबीआई क्या जांचेगी?

- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया तीन ट्रेनों के बीच हुए इस हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि हादसे की वजह इलेक्ट्रिक प्वॉइंट मशीन और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से जुड़ी है.

- उन्होंने कहा, 'प्वॉइंट मशीन की सेटिंग बदली गई थी. ये कैसे और क्यों की गई थी, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में होगा.'

- उन्होंने बताया, 'इस भयानक हादसे के कारण की पहचान कर ली गई है. मैं ज्यादा डिटेल में नहीं जाना चाहता. रिपोर्ट आने दीजिए. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हादसे की वजह और इस क्रिमिनल एक्ट में शामिल लोगों की पहचान कर ली गई है.'

अब तक क्या-क्या हुआ?

- शुक्रवार यानी 2 जून की शाम 7 बजे तीन ट्रेनों में टक्कर हो गई. ये टक्कर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच हुई.

- ये हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुआ. कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन में खड़ा कराया गया था.

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- कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी. तभी वो मेन लाइन से लूप लाइन में आ गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई.

- ये टक्कर इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरकर तीसरी लाइन से गुजर रही हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गई. 

- इस हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो गई है. इनमें से 187 शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है.

तीन ट्रेन कैसे टकरा गई?

- रेलवे के टॉप अधिकारियों ने दावा किया कि प्वॉइंट मशीन और इंटरलॉकिंग सिस्टम 'एरर प्रूफ' और 'फेल सेफ' है. हालांकि, उन्होंने इसमें बाहरी गड़बड़ की बात से इनकार भी नहीं किया है.

- अधिकारियों ने बताया कि इसे फेल सेफ सिस्टम इसलिए कहा जाता है, क्योंकि अगर ये फेल भी हो जाता है तो सभी सिग्नल रेड हो जाएंगे और ट्रेनें रुक जाएंगी. जैसा कि अब रेल मंत्री ने भी सिग्नल सिस्टम में गड़बड़ी की बात कही है. 

- रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा ने बताया, 'हो सकता है कि किसी ने केबल देखे बगैर ही खुदाई कर दी हो.' उन्होंने कहा कि किसी भी मशीन में खतरा तो होता ही है.

- अधिकारियों के मुताबिक, इलेक्ट्रिक प्वॉइंट मशीन रेलवे सिग्नलिंग के लिए सबसे अहम डिवाइस है और ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में अहम भूमिका निभाता है. अगर इस मशीन में खराबी आती है तो इससे ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ सकता है और कई बार असुरक्षित स्थिति भी हो सकती है.

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- रेलवे अधिकारियों ने लोकोपायलट की गलती की बात खारिज की है और दावा किया कि ट्रेन ओवरस्पीड नहीं थी.

- एक सीनियर अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हो सकता है कि सिस्टम से किसी तरह की छेड़छाड़ या तोड़फोड़ हुई हो. हम किसी बात से इनकार नहीं कर रहे हैं.

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