ओडिशा के देवगढ़ जिले में जिला प्रशासन ने बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए एक अभियान चलाया है. जिलाधिकारी सोमेश उपाध्याय ने कहा कि बाल विवाह की जानकारी प्रशासन को देने वाले व्यक्ति को 3 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 2022 के अंत तक देवगढ़ को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य है.
शुक्रवार को जिलाधिकारी सोमेश उपाध्याय एक वर्कशॉप में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में बाल विवाह की समस्या एक अभिशाप है. बाल विवाह की प्रथा रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा. बाल विवाह की खबर पुलिस व प्रशासन को दी जा सकती है. इसके लिए 3 हजार रुपए का इनाम मिलेगा. जिला प्रशासन के इस अभियान की लोग सराहना कर रहे हैं.
जिले की करीब 50 प्रतिशत ग्राम पंचायतें बाल विवाह मुक्त हो चुकी हैं. जिले को पूरी तरह से बाल विवाह मुक्त करने के लिए पंचायतों में एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. इस टास्क फोर्स में पंचायत के सरपंच, वार्ड मेंबर एवं स्थानीय प्रतिष्ठित लोग होंगे. टास्क फोर्स के सदस्य लगातार पंचायत में बैठक करेंगे. गांव-गांव में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएंगे. पंचायत के हर घर में शादी का एक रिकॉर्ड भी तैयार करेंगे.
महिला कार्यकर्ता नाजिया आफरीन ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह का मुख्य कारण शिक्षा और जागरूकता का अभाव है. बाल विवाह के कारण लड़का और लड़कियां अपने दैनिक जीवन को संभाल नहीं पाते हैं. दोनों शादी के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार नहीं होते हैं. हम सभी को बाल विवाह के खिलाफ एक स्वर में आवाज उठानी होगी.
बता दें कि ओडिशा का गंजाम जिला बाल विवाह मुक्त हो चुका है. गंजाम जिला प्रशासन ने बाल विवाह की जानकारी देने पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा है.