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बाढ़ का तांडव, जान बचाने के लिए घंटों ताड़ के पेड़ पर चढ़ा रहा युवक

रसूलपुर फायर स्टेशन की टीम ने उस 18 वर्षीय लड़के को बचाया है. युवक जाजपुर जिले के रसूलपुर ब्लॉक के केसापुर गांव का रहने वाला है और उसने वहीं एक ताड़ के पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई.

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युवक को कई घंटों बाद बचाया गया
युवक को कई घंटों बाद बचाया गया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओडिशा में बाढ़ से भयंकर त्रासदी
  • डेढ़ लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित
  • अब तक बाढ़ से 12 लोगों की मौत

ओडिशा इन दिनों बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है. लोगों को अपनी जान बचाने के लिए ऊंची जगहों पर शरण लेनी पड़ रही है. ऐसे में एक 18 साल के युवक को बाढ़ के पानी में डूबने से बचने के लिए ताड़ के पेड़ पर चढ़ना पड़ा. वो युवक तबतक पेड़ पर ही रहा जब तक वहां बचाव टीम पहुंच नहीं गई.

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रसूलपुर फायर स्टेशन की टीम ने उस 18 वर्षीय लड़के को बचाया. युवक जाजपुर जिले के रसूलपुर ब्लॉक के केसापुर गांव का रहने वाला है और उसने वहीं एक ताड़ के पेड़ पर चढ़कर उसने अपनी जान बचाई.

उस इलाके में ब्राह्मणी नदी की वजह से गंभीर बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. ओडिशा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुकांता सेठी के अनुसार, चंदन बेहरा खंडास गांव के निवासी हैं. उनके लापता होने के बाद खोज और बचाव अभियान कल रात 9 बजे शुरू किया गया था.

खराब दृश्यता और नदी के प्रवाह के बावजूद बचाव दल ने उसे सफलतापूर्वक बचाया. इस बीच, सरकारी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि बाढ़ के कारण भद्रक जिले के 543 गांवों में 1.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.

राज्य में बाढ़ के कारण कुल 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लापता हैं. शनिवार को भद्रक के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) एएनआई श्यामा भक्त ने कहा कि 218 पंचायतों में भद्रक में सात ब्लॉक हैं, और उनमें से 118 बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. जिले में 1,454 घर नष्ट हो गए हैं और जिला प्रशासन द्वारा बचाए गए लगभग 3,858 लोगों को 36 बाढ़ राहत केंद्रों पर आश्रय दिया जा रहा है.

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राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएफ) की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं. जिला प्रशासन ने संबंधित तहसीलदारों और प्रखंड विकास अधिकारियों को क्षति का अनुमान लगाने का निर्देश दिया है. जिले के विभिन्न हिस्सों में बहतरानी और गंगुती नदियों के तटबंधों टूटने के कारण बाढ़ आ गई है. सभी सात ब्लॉक प्रभावित हुए हैं और हजारों हेक्टेयर खेत जलमग्न हो गए हैं.

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