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ओडिशा सरकार महिला कर्मचारियों को तोहफा, मिलेंगी 12 दिन की पीरियड्स लीव

ओडिशा सरकार ने महिला कर्मचारियों को तोहफा देते हुए पीरियड्स के दौरान हर महीने एक छुट्टी देने का ऐलान किया है. इस नए प्रावधान में महिला कर्मचारियों को साल में 12 दिनों की अतिरिक्त कैजुअल लीव दी जाएगी. जो मौजूदा 10 दिनों की सीएल और 5 दिनों की स्पेशल सीएल से अलग होंगी.

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ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी. (फाइल फोटो)
ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी. (फाइल फोटो)

ओडिशा सरकार ने महिला कर्मचारियों को तोहफा देते हुए मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान होने वाली शारीरिक परेशानी को देखते हुए हर महीने एक अतिरिक्त छुट्टी देने का फैसला किया है. इस नए प्रावधान में महिला कर्मचारियों को साल में 12 दिनों की अतिरिक्त कैजुअल लीव दी जाएगी. जो मौजूदा 10 दिनों की सीएल और 5 दिनों की स्पेशल सीएल से अलग होंगी.

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यह नई नीति राज्य सरकार की महिला कर्मचारियों पर लागू होगी, जिसका लाभ 55 वर्ष की आयु तक कर्मचारियों को मिलेगा. इसके तहत हर महीने एक दिन की छुट्टी दी मिलेगी, लेकिन अगले महीने में इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. यह अधिसूचना मार्च 2024 में जारी पूर्व निर्देश को बदलकर लागू की गई है, जिसमें महिला कर्मचारियों को 10 दिन का अतिरिक्त आकस्मिक छुट्टी देने की व्यवस्था थी.

हर साल महिलाओं की मिलेंगी 12 पीरियड्स लीव

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने हाल ही में एक आधिकारिक नोट में कहा कि सभी महिला कर्मचारी अब वार्षिक 12 दिन का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश ले सकेंगी, जो वर्तमान में मिलने वाले 15 दिनों के अवकाश से अलग होगा. 

डिप्टी CM ने की थी पीरियड्स लीव की घोषणा

इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने घोषणा की थी कि महिला कर्मचारियों पीरियड्स के दौरान हर महीने एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी मिलेगा. इस घोषणा के बाद अब महिला कर्मचारी कुल 27 दिनों का आकस्मिक अवकाश प्राप्त कर सकेंगी, जबकि पुरुष कर्मचारियों को हर साल 15 दिनों का आकस्मिक छुट्टियां मिलती हैं.

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अधिसूचना के अनुसार, इन 12 दिनों के अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश का उपयोग प्रति माह एक दिन के हिसाब से किया जा सकता है. ये अवकाश मौजूदा 10 दिन के नियमित आकस्मिक अवकाश और 5 दिन के विशेष आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त होंगे. ओडिशा सरकार का यह कदम महिला कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर आराम सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है.

क्या बोलीं महिला कर्मचारी

इस फैसले को राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा सराहा जा रहा है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य और कार्यक्षमता में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास माना रहे हैं. महिला कर्मचारियों का कहना है कि इस कदम से उन्हें मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान कार्यस्थल पर ज्यादा सुकून मिलेगा और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा.

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