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ओडिशा सरकार का बड़ा कदम, 5 हजार 318 भिखारियों की पहचान, 'सहाय योजना' से आत्मनिर्भर बनाने की पहल

ओडिशा सरकार ने अब तक राज्य में 5 हजार 318 भिखारियों की पहचान की है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'सहाय योजना' चला रही है. कटक जिले में सबसे अधिक 1 हजार 60 भिखारी हैं. सरकार 2017-18 से इस योजना के तहत भिखारियों का पुनर्वास कर रही है और उन्हें स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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AI जेनरेटेड (सांकेतिक तस्वीर).
AI जेनरेटेड (सांकेतिक तस्वीर).

ओडिशा सरकार ने अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में 5 हजार 318 भिखारियों की पहचान की है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'सहाय योजना' लागू कर रही है. राज्य के सामाजिक सुरक्षा एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नित्यानंद गोंड ने शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र में यह जानकारी दी.

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किन जिलों में सबसे ज्यादा भिखारी?

मंत्री के लिखित जवाब के मुताबिक, कटक जिले में सबसे अधिक 1 हजार 60, बड़गड़ में 595, गंजाम में 545, सुंदरगढ़ में 417, पुरी में 350, कालाहांडी में 237 और अंगुल में 205 भिखारियों की पहचान की गई है. वहीं, मंत्री ने बताया कि बालासोर, बौध, देवगढ़, जगतसिंहपुर और जाजपुर जिलों को भिखारी मुक्त घोषित कर दिया गया है.

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'सहाय योजना' से पुनर्वास

ओडिशा सरकार 2017-18 से 'सहाय' योजना चला रही है, जिसके तहत भिखारियों को पहचान कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है. ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर रोजगार हासिल कर सकें. सरकार भिखारियों के पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के लिए भी कदम उठा रही है. मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य राज्य को पूरी तरह भिखारी मुक्त बनाना और जरूरतमंदों को सम्मानजनक जीवन देना है.

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