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पुरी: 12 जुलाई को रथयात्रा, भक्त ने दाल, बादाम और सोयाबीन पर बनाईं भगवान जगन्नाथ की 108 पेंटिंग्स

रथयात्रा से ठीक पहले एक भक्त ने भगवान जगन्नाथ को 108 मिनिएचर पेंटिंग्स अर्पित किए हैं. भुवनेश्वर की प्रियंका साहनी ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की 108 पेंटिग्स खाने-पीने की चीजें और अन्य वस्तुओं पर बनाई हैं.

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भगवान जगन्नाथ को चढ़ाई गई पेंटिग्स
भगवान जगन्नाथ को चढ़ाई गई पेंटिग्स
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भुवनेश्वर की सॉफ्टवेयर डेवलपर प्रियंका साहनी ने बनाए मिनिएचर
  • ओडिशा की सभ्यता देश-विदेश तक पहुंचाना है प्रियंका का लक्ष्य

देश के सुदूर समुद्रतटीय शहर पुरी में 12 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलेगी. सुप्रीम कोर्ट से आयोजन को हरी झंडी मिलने के बाद रथयात्रा की तैयारियां लगभग अंतिम दौर में हैं. रथयात्रा से ठीक पहले एक भक्त ने भगवान जगन्नाथ को 108 मिनिएचर पेंटिंग्स अर्पित किए हैं. भुवनेश्वर की प्रियंका साहनी ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की 108 पेंटिग्स खाने-पीने की चीजें और अन्य वस्तुओं पर बनाई हैं.

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प्रियंका बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में कार्यरत हैं. कोरोना महामारी के कारण अपनी मां के साथ भुवनेश्वर में ही रहकर वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं. प्रियंका ने आजतक से बात करते हुए कहा कि महाप्रभु की एक भक्त हूं. पुरी पहुंचकर रथयात्रा का दर्शन करना चाहती थी, लेकिन कोरोना के कारण घर पर रहना पड़ रहा है.

अलग-अलग वस्तुओं पर बनाईं कलाकृतियां
अलग-अलग वस्तुओं पर बनाईं कलाकृतियां

मिनिएचर को लेकर प्रियंका ने कहा कि 26 जून से पेंटिंग्स बनाने का काम शुरू किया था. इसे पूरा करने के लिए हर रोज तकरीबन 10 से 12 घंटे काम करना पड़ा. उन्होंने मिनिएचर आर्ट में पेंटिंग करने को काफी मुश्किल बताया और कहा कि  इसलिए एक छोटा सा आर्ट तैयार करने में भी चार घंटे का वक्त लग जाता है.

मिनिएचर पेंटिंग बनातीं प्रियंका साहनी
मिनिएचर पेंटिंग बनातीं प्रियंका साहनी

 
प्रियंका बताती हैं कि मिनिएचर आर्ट के तहत छोटी-छोटी सामान पर पेंटिंग बनाई है जिसमें विभिन्न प्रकार के दाल, पिस्ता बादाम, राजमा, सोयाबीन, फूल, पत्ती, अनार, केला, नारियल, सिक्का, माचिस की डिब्बी, प्लास्टिक चम्मच, घड़ी, गुब्बारा, कागज का प्लेट और अन्य कई सामान शामिल हैं. प्रियंका ने बताया बचपन में अपने पिता विवेकानंद साहनी से पेंटिंग सीखी थी. स्कूल में कई बार पेंटिंग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला. उन्होंने साथ यह भी बताया कि पेंटिंग को लेकर राज्यस्तर पर उनको कई दफे सम्मानित भी किया जा चुका है.

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देश-विदेश पहुंचाना चाहती हूं ओडिशा की सभ्यता - प्रियंका

प्रियंका कहती हैं कि अपनी कला के माध्यम से ओडिशा की सभ्यता को देश-विदेश तक पहुंचाना चाहती हूं. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय के लिए विशेष रूप से पेंटिंग तैयार की जा रही है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और कोरोना से संबंधित अन्य सावधानियों के साथ पुरी में रथयात्रा निकालने की इजाजत दे दी थी.

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