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पति की मौत सुनकर पत्नी ने की आत्महत्या, अंतिम संस्कार के बाद जिंदा मिला शख्स

ओडिशा से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां पति की मौत की खबर सुनकर सदमे में आई पत्नी ने आत्महत्या कर ली. इसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. अब पता चल रहा है कि जिस शख्स की मौत हुई वो कोई और था और जिसकी वजह से पत्नी ने सुसाइड किया वो अभी जिंदा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

ओडिशा के खोरधा जिले में एक अस्पताल में हुए विस्फोट में पति की मौत की खबर सुनकर पत्नी सदमे में आ गई और उसने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. अब खबर आ रही है कि जिस शख्स की मौत की खबर सामने आई थी वो जिंदा है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा था. संबंधित अस्पताल के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

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दरअसल जिस शख्स की मौत हुई थी वो कोई और था और उसका शव उस परिवार को सौंप दिया जो जीवित है. परिवार ने शव को अपना मानकर अंतिम संस्कार भी कर दिया. वहीं अब मृतक का परिवार उसके शव की मांग कर रहा है. डॉक्टरों ने कहा कि भ्रम की स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि पिछले महीने के अंत में एक एयर कंडीशनर की सर्विसिंग के दौरान हुए धमाके के कारण व्यक्तियों के चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे.

AC सर्विसिंग के दौरान हुआ था हादसा

29 दिसंबर को निजी अस्पताल की छत पर एयर कंडीशन में गैस भरते समय हुए जोरदार धमाका हुआ था जिसमें दिलीप सामंत राय और ज्योति रंजन मल्लिक सहित चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें यहां हाई-टेक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.चार लोगों में से दो लोगों की जलने से मौत हो गई जबकि दो अन्य का अस्पताल में इलाज चल रहा है. अधिकारियों ने कहा कि सभी चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे और उनके चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे.

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पहचान में हुई गड़बड़ी

शुरू में दो मृतकों में से एक की पहचान सामंतराय के रूप में की गई थी और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. बाद में दिलीप सामंत राय  की पत्नी ने सदमे में आकर आत्महत्या कर ली. हालांकि, गुरुवार की शाम ज्योति रंजन मल्लिक नाम के जिस शख्स का इलाज चल रहा था, उसे वेंटिलेटर से बाहर लाया गया. डॉक्टरों से बातचीत के दौरान उसने दावा किया कि वह मल्लिक नहीं बल्कि दिलीप सामंत राय है.

अस्पताल की सीईओ स्मिता पाधी ने कहा, 'घटना में जो चार लोग घायल हुए हैं, वे एक आउटसोर्सिंग एजेंसी के कर्मचारी थे, अस्पताल के नियमित कर्मचारी नहीं हैं. विस्फोट के बाद एजेंसी के एक कर्मचारी ने उनकी पहचान की, जिसके आधार पर हमने रिकॉर्ड किया और पीड़ितों के परिजनों ने भी उनकी पहचान की.'

उन्होंने कहा, 'दिलीप सामंत राय  के रूप में पहचाने गए व्यक्ति की 30 दिसंबर को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई और प्रोटोकॉल के अनुसार, हमने पुलिस को सूचित किया और उनके परिवार के सदस्यों ने भी संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और पुलिस से शव प्राप्त किया.'

हालांकि, इलाज करा रहे व्यक्ति के दिलीप सामंत राय होने का दावा करने को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. मनोचिकित्सक अमृत पत्तोजोशी को रोगी की मानसिक स्थिति की जांच करने का काम सौंपा गया था. उन्होंने कहा, सामंतराय के परिवार के सदस्यों के नाम के बारे में पूछे जाने पर मरीज ने सही उत्तर दिया.उन्होंने कहा, 'चूंकि मामला सुलझ नहीं सका, इसलिए हमने पुलिस से मामले की जांच करने का आग्रह किया.'

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मनोचिकित्सक अमृत पत्तोजोशी ने कहा, "मरीज ने हमें सामंतराय के बारे में सही जानकारी दी. उस समय दोनों व्यक्तियों के परिवार के सदस्य मौजूद थे. एक डॉक्टर के रूप में, मुझे 90 प्रतिशत यकीन है कि मरीज दिलीप  हैं. यदि आवश्यक हुआ, तो डीएनए विश्लेषण किया जाएगा.'

मामले की जांच करेगी पुलिस

दूसरी ओर, मल्लिक के परिजन, जिन्हें उनके ठीक होने की उम्मीद थी, अब उनके शव की मांग कर रहे हैं. लेकिन अस्पताल के अधिकारियों ने उनका शव सामंतराय के परिवार को सौंप दिया है और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. डॉक्टरों ने कहा कि भ्रम की स्थिति इसलिए थी क्योंकि विस्फोट के कारण व्यक्तियों के चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे. भुवनेश्वर के डीसीपी प्रतीक सिंह ने कहा कि एसीपी रैंक का एक अधिकारी मामले की जांच करेगा.

उन्होंने कहा, 'अभी तक हमें चिकित्सकीय लापरवाही का कोई मामला नहीं मिला है. लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनकी पहचान ठेकेदार ने की है.'

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