ओडिशा के बालासोर में रेल हादसे के बाद बेटपरी हुई जिंदगी को तो दोबारा पटरी पर ला दिया गया है, लेकिन सत्ता के गलियारे में इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. अभी तक इस हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को निशाना बनाया जा रहा था, लेकिन जब हादसे को लेकर सीबीआई जांच की बात सामने आई है तो विपक्षी दलों ने फिर से विरोधी सुर साधना शुरू कर दिया है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सीबीआई जांच को लेकर कहा, कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है. वहीं उनके ऐसा कहने पर बीजेपी ने पलटवार किया है. पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुबेंदु अधिकारी ने सीएम के ऐसा कहने पर उनपर निशाना साधा है और पलटवार करते हुए सवाल उठाए हैं.
मृतकों की संख्या छिपा रही सरकारः सीएम ममता बनर्जी
टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार मृतकों की संख्या छिपाने में लगी हुई है. ममता बनर्जी ने कहा, 'एक छोर पर मौतों का सैलाब है और लोगों के प्रति आपके मन में कोई हमदर्दी नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार के लोग जनता के साथ खड़े नहीं हैं, बल्कि एक प्रतियोगिता में हैं जहां वे किसी तरह मौत की संख्या पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं इस प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं हूं. मैं हमेशा लोगों के साथ खड़ी रही हूं.
सीबीआई जांच पर उठाए सवाल
वहीं ममता बनर्जी ने इस हादसे की CBI जांच पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, मैंने 12 साल पहले ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. लेकिन अभी तक उसका कोई नतीजा सामने नहीं आया. उन्होंने कहा कि 'मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है. मैं पीड़ित परिवारों की मदद करना चाहती हूं . मैंने 12 साल पहले ज्ञानेश्वरी रेल हादसे की जांच सीबीआई को सौंपी थी.लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. सैंथिया मामले में भी मैंने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. लेकिन कुछ नहीं हुआ. सीबीआई आपराधिक मामलों की जांच करती है लेकिन यह दुर्घटना का मामला है. रेलवे सुरक्षा आयोग है, पहले जांच वही करते हैं. हम चाहते हैं कि लोगों को सच्चाई पता होनी चाहिए. यह समय सच्चाई को दबाने का नहीं है. उन परिवार वालों के बारे में सोचें जो अपनों को खो चुके हैं.'
बीजेपी का पलटवार 'CBI को लेकर चिंतित क्यों है?'
ममता बनर्जी के इस बयान को लेकर BJP ने पलटवार किया है. पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुबेंदु अधिकारी ने इस मामले को लेकर कहा है कि इस घटना के पीछे टीएमसी है. वे दूसरे राज्य में सीबीआई जांच को लेकर इतने चिंतित और घबराए हुए क्यों हैं? यह कॉल रिकॉर्ड जो टीएमसी नेता ने साझा किया है जहां रेलवे के दो अधिकारी बोल रहे हैं, इसकी जांच की जानी चाहिए. आप बालासोर में सीबीआई को लेकर इतने चिंतित क्यों हैं?
रेल मंत्री ने उठाए सवाल
इस हादसे पर एक सवाल खुद रेल मंत्री उठा रहे हैं और वो ये कि बहुत मुमकिन है कि किसी ने जानबूझ कर इले. इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की है. पर वो कौन है? जाहिर है अगर सचमुच सिस्टम से छेड़छाड़ की गई है, तो वो कोई बाहरी शख्स नहीं हो सकता. ये किसी सिस्टम को अंदर से जानने वाले जानकार का ही काम हो सकता है. लेकिन वो ऐसा क्यों करेगा?
दो सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर के बाद रेलवे ट्रैक तक उखड़ चुका है. पूरा एरिया लगभग बर्बाद हो गया. अगर हादसे वाली जगह पर ही इले. इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ छेडछाड की गई, या यूं कहें कि हादसे वाली जगह पर ही पटरियों से इस सिस्टम से जुड़े वायर के साथ छेडछाड की गई, तो उसका पता लगाना फिलहाल मुश्किल है. क्योंकि मौका ए वारदात पर सबकुछ तहस नहस हो चुका है. लिहाजा, रेल मंत्रालय अब फॉरेंसिक जांच के जरिए ही ये पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या रेलवे टैक के वायर से जानबूझ कर छे़ड़छाड़ की गई?
कुल मिलाकर, रेल मंत्रालय 275 लोगों की मौत के मामले को हादसा, इंसानी गलती, या लापरवाही मानने की बजाय फिलहाल साजिश के पहलू से देख रहा है. हालांकि इसके साथ-साथ रेल मंत्री बाकायदा मीडिया से ये भी कह चुके हैं कि गुनहगारों की पहचान कर ली गई है. तो फिर सबसे बड़ा सवाल यही है कि वो गुनहगार हैं कौन? और उनका मकसद क्या था?