ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में जिंदल स्टील वर्क्स (JSW) स्टील प्लांट का विरोध कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद तनाव बढ़ गया. दरअसल, ग्रामीण स्टील प्लांट की जगह से पान के बागानों को हटाने का विरोध कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया.
ओडिशा में प्रस्तावित Posco स्टील प्लांट के खिलाफ सालों तक हुए विरोध के बाद 2017 में मेगा प्रोजेक्ट को ओडिशा से वापस ले लिया गया था. लेकिन अब एक बार फिर स्टील प्लांट के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है.
दक्षिण कोरिया की वैश्विक इस्पात कंपनी Posco की वापसी के बाद राज्य सरकार ने परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन JSW को उसके स्टील प्लांट के लिए सौंप दी.
ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस के लाठी चार्ज में करीब 40 प्रदर्शनकारी जख्मी हुए हैं. इनमें बच्चे और वृद्ध भी शामिल हैं. वहीं, एक पुलिस अफसर ने कहा, ग्रामीणों ने पुलिसकर्मी पर हमला किया. इस हमले में 5 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.
कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन इस परियोजना के लिए पान की खेती को उजाड़ने और लोगों को घरों से जबरन बेदखल करने का काम कर रहा है.
#WATCH | Jagatsinghpur, Odisha | Police baton-charged people in the Dhinkia village who were allegedly protesting over the proposed steel plant site in the district, today pic.twitter.com/fPQGBRMgDm
— ANI (@ANI) January 14, 2022
ग्रामीणों और पुलिस के बीच विवाद उस वक्त हुआ, जब पुलिस ने जेएसडब्ल्यू परियोजना के खिलाफ रैली निकाल रहे लोगों के गांव के बाहर जाने से रोकने की कोशिश की.
इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गांव के पूर्व पंचायत समिति के सदस्य देबेंद्र स्वैन समेत कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. हिरासत में लिए जाने से पहले देबेंद्र ने बताया कि ग्रामीणों को उनके खेतों पर जाने से रोका गया. जब गांव वालों ने कहा, उन्हें उनके पान के खेतों में जाने दिया जाए, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी.
सरकार ने जेएसडब्ल्यू को उसकी 55,000 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए कई गांवों से जमीन आवंटित करने की योजना बनाई है. बुधवार तक पान के बागानों के लिए 198 ग्रामीणों को 5 करोड़ रुपए आवंटित किया गया.
वहीं, जगतसिंहपुर के एडिशनल एसपी उमेश पंडा ने बताया कि इस प्रदर्शन में 500 से ज्यादा लोग शामिल हुए. जब उनसे कोरोना गाइडलाइन के तहत प्रदर्शन की परमिशन मांगी गई, तो उनके पास अनुमति नहीं थी. इसके अलावा उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्का मुक्की की.
उन्होंने कहा, पुलिस ने लगभग दो घंटे तक लोगों को मनाने और विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील की. लेकिन इसी दौरान ग्रामीणों ने लाठी से महिला पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया. इसमें उसको चोटें भी आईं. इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.