देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो महंगे मेडिकल इलाज का खर्च नहीं उठा सकते. ऐसे में ओडिशा के एक डॉक्टर ने ‘एक रुपया’ क्लीनिक खोल कर मिसाल पेश की है. बुरला के वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज एंज रिसर्च (VIMSAR) में मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉक्टर शंकर रामचंदानी ने यह पहल की है. अहम बात ये है कि इंस्टीट्यूट में अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद अलग से गरीबों और वंचितों के इलाज के लिए यह क्लीनिक चलाते हैं.
डॉ. रामचंदानी के मुताबिक उनकी हमेशा से ऐसा क्लीनिक खोलने की इच्छा थी. लेकिन अभी तक वे सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर थे, इस नाते वे खुद की प्रैक्टिस नहीं कर सकते थे. लेकिन हाल में डॉ. रामचंदानी का प्रमोशन असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुआ. असिस्टेंट प्रोफेसर होने के नाते वे अपनी ड्यूटी के घंटे पूरे करने के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं. ऐसे में उन्होंने बीते शुक्रवार से अपने किराए के मकान में ‘एक रुपया’ क्लीनिक की शुरुआत की. पहले दिन 33 मरीज इस क्लीनिक में पहुंचे.
डॉ. रामचंदानी का कहना है कि वो मरीजों से एक रुपया इसलिए चार्ज करते हैं क्योंकि वो उन्हें ये अहसास नहीं होने देना चाहते कि मुफ्त में इलाज हो रहा है.
बुरला के कच्चा मार्केट में खोला गया ये क्लीनिक सुबह 7 से 8 और शाम को 6 से 7 बजे तक खुलता है. डॉ. रामचंदानी का कहना है कि वे अस्पताल की ओपीडी में सैकड़ों लोगों को घंटों कतारों में खड़ा देखते रहे हैं, जिनमें बुजुर्ग और दिव्यांग भी होते हैं. इसी ने डॉ. रामचंदानी को यह क्लीनिक खोलने के लिए प्रेरित किया.
डॉ. रामचंदानी की पत्नी डॉ शिखा रामचंदानी डेंटल सर्जन हैं. वे भी पति के ‘एक रुपया’ क्लीनिक में मदद दे रही हैं.