ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हुई थी. इस ट्रेन एक्सीडेंट में बिहार के 50 लोगों की जान चली गई. इसके अलावा कई घायलों को अस्पतालों में इलाज चल रहा है तो कई लोग अभी भी लापता हैं. अभी तक कई शवों की पहचान नहीं हो पाई है, जिन शवों की पहचान हो गई है, उन्हें रेलवे ने परिजनों को सौंप दिया है.
शवों की पहचान के लिए रेलवे ने अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों से मदद भी मांगी है. रेलवे ने एक वेबसाइट की लिंक जारी कर शवों की तस्वीर डालकर अपील की है कि इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ताकि परिजन उनके अपनों की पहचान कर सकें. बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि इस हादसे में राज्य के 50 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा 43 घायलों का इलाज चल रहा है, जबकि19 यात्री लापता हैं. 12 शवों का सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है.
ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल ट्रेन हादसा हुआ था. यहां तीन ट्रेनों की टक्कर हुई थी. इस हादसे में 288 लोगों की जान चली गई थी. जबकि 1100 लोग जख्मी हुए थे. इनमें से 900 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. जबकि 200 लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है.
कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा?
रेलवे की तरफ से बताया गया कि ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त डिरेल होकर वो अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. ट्रेन पूरी रफ्तार (फुल स्पीड) में थी, इसका परिणाम यह हुआ कि 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए.
हर रेलवे स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है. बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी गाड़ी को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी दूसरी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो.
दरअसल, बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है. ऐसे में दोनों ही ट्रेनों की रफ्तार तेज थी. बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े. इसी दौरान हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ.
ओडिशा ट्रेन हादसे की टाइमलाइन
- 2 जून शुक्रवार शाम 6.50: कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकराई.
- शाम 6.55: मालगाड़ी से टकराने के बाद कोरोमंडल के कुछ डिब्बे दूसरी लाइन से गुजरती हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से टकरा गए.
- शाम 7.10: स्थानीय प्रशासन और लोग इकट्ठा हुए और रेस्क्यू में जुट गए. इसके बाद पूरी रात रेस्क्यू अभियान चला. घायलों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
- 3 जून: रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव मौके पर पहुंचे और उन्होंने उच्च स्तरीय जांच का ऐलान किया. वे तीन दिन तक रेस्क्यू खत्म होने से ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने तक वहीं रहे.
- ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक घटनास्थल पर पहुंचे.
- रेलवे ने बताया कि रेस्क्यू अभियान पूरा हुआ, पटरियों को ठीक करने का काम शुरू हो गया.
- पीएम मोदी ने रिव्यू मीटिंग की.
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घटनास्थल पर पहुंचीं.
- 4 जून: पीएम मोदी घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया. उन्होंने रेल मंत्री और अधिकारियों से भी बात की. पीएम मोदी ने अस्पतालों में घायलों से मुलाकात की.
- 4 जून की रात तक ट्रैक को सही कर दिया गया.
- रेलवे ने सीबीआई जांच की सिफारिश की.
- ट्रैक पर मालगाड़ी का ट्रायल किया गया.
- 5 जून: ट्रैक पर सभी ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई.
- 6 जून: सीबीआई ने जांच शुरू की.