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ओडिशा: सबसे कम उम्र की ऑर्गन डोनर का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

एक अधिकारी ने बताया कि लड़की को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और 15 फरवरी को एम्स, भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया था. लड़की बाद में कोमा में चली गई और वेंटिलेटर पर थी. चूंकि उसकी सेहत में सुधार का कोई संकेत नहीं दिखा तो एम्स की विशेषज्ञ समिति ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

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ओडिशा की 14 वर्षीय लड़की के ऑर्गन डोनेट किए गए (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ओडिशा की 14 वर्षीय लड़की के ऑर्गन डोनेट किए गए (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ओडिशा की सबसे कम उम्र की ऑर्गन डोनर दमयंती महंत का अंतिम संस्कार पुरी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. उसका अंतिम संस्कार जिले के स्वर्गद्वार श्मशान घाट पर किया गया. दरअसल, क्योंझर जिले की 9वीं कक्षा की छात्रा और क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित 14 वर्षीय लड़की को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. उसके माता-पिता उसके अंग दान करने के लिए सहमत हो गए थे.

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पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि लड़की को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और 15 फरवरी को एम्स, भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया था. लड़की बाद में कोमा में चली गई और वेंटिलेटर पर थी. चूंकि उसकी सेहत में सुधार का कोई संकेत नहीं दिखा तो एम्स की विशेषज्ञ समिति ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

अधिकारी ने बताया कि जैसे ही उसके माता-पिता उसके अंग दान करने के लिए सहमत हुए, अस्पताल स्टाफ ने आवश्यक व्यवस्था की. यहां एम्स के सर्जनों ने उसका लीवर सफलतापूर्वक निकाल लिया था और उसे ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से नई दिल्ली के एक अस्पताल में भेज दिया था.

अधिकारी ने बताया कि दमयंती ओडिशा की सबसे कम उम्र की डोनर थी, जिसे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की हालिया घोषणा के बाद अंतिम संस्कार के दौरान पूर्ण राजकीय सम्मान दिया गया. मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि अंग दाताओं का अंतिम संस्कार उनके बलिदान और बहादुरी की मान्यता में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

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राज्य सरकार ने 2020 में गंजम जिले के एक ब्रेन-डेड अंग दाता के सम्मान में सूरज पुरस्कार की स्थापना की थी, जिसने छह लोगों की जान बचाई थी. हर साल 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस पर अंग दाताओं के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपये दिए जाते हैं.

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