राजनीतिक गलियारों में ओल्ड पेंशन का मुद्दा चर्चा में बना हुआ है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के चुनावों में ये एक सार्वजनिक मुद्दा बनकर उभरा था और अब तो नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे लागू करने का ऐलान भी कर दिया है. हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को हर महीने आखिरी वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा. झारखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान तो पहले ही इस लिस्ट में है. हालांकि आरबीआई ने इसको लेकर राज्यों के लिए चेतावनी भी जारी की है. लेकिन नई ख़बर अब हरियाणा से है. राज्य में बीजेपी की गठबंधन पार्टी जजपा नेता और राज्य के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला OPS के पक्ष में आ गए हैं, उन्होंने सीएम मनोहर लाल खट्टर से बात भी की है इसको लेकर.
हालांकि बीजेपी OPS के पक्ष में नहीं है. सरकारी आंकड़े के अनुसार हर साल सरकार करीब एक हज़ार करोड़ रुपए पेंशन पर खर्च करती है. जनवरी 2006 के बाद राज्य में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों की बहाली हुई है जिसका हवाला देते हुए सरकार आर्थिक बोझ की बात कर रही है, तो ये कितना बड़ा मुद्दा है हरियाणा के लिए, क्या ये चुनाव और राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने का दम रखता है और ये गठबंधन को कितना इफेक्ट कर सकता है? सुनने के लिए 'आज का दिन' क्लिक करें.
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कल तेलंगाना के खम्मम से तस्वीर आई. केसीआर,अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और पिनराई विजयन के साथ साथ यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंच साझा कर रहे थे. इस मुलाकात ने एक हद तक 2024 लोकसभा चुनाव में अखिलेश, सपा के रोल, उनकी सोच की कमोबेश एक चित्र खींच दी है. यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं. 2019 के चुनाव में सपा.. बसपा और आरएलडी के साथ गठबंधन में थी, सो 37 सीटों पर उसने चुनाव लड़ा. सिर्फ 5 में जीत मिली. हाल ही में जो रामपुर लोकसभा उपचुनाव हुए तो वो सीट भी हाथ से निकल गई और खाते में कुल जमा सीटें रह गई 4. अब इस 4 के आंकड़े को उसे बढ़ाना है जिस पर मंथन शुरू हो गया है. भारत जोड़ो यात्रा से दूरी बना कर केसीआर और केजरीवाल का हाथ थाम कर सपा ने एक मैसेज दे दिया है. बसपा ने भी पहले ही साफ कर दिया कि वो किसी गठबंधन के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन बसपा की ही तरह खुद को अंबेडकर की विचारधारा से जोड़ने वाले चंद्रशेखर का साथ ज़रूर सपा के साथ दिखता है. तो क्या चुनौतियाँ हैं सपा के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में, क्या कोई संगनाठत्मक बदलाव भी हो सकता है पार्टी में? सुनने के लिए 'आज का दिन' क्लिक करें.
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भारत-न्यूजीलैंड के बीच खेला गया पहला वनडे मैच कई चीज़ों के लिए याद रखा जाएगा. शुभमन गिल का दोहरा शतक, चेज करते हु न्यूजीलैंड के माइकल ब्रेसवेल की 78 गेंद पर 140 रन की ताबड़तोड़ पारी. सिराज के झटके गए चार विकेट और लास्ट बट नॉट द लिस्ट.... भारत का 349 रन बना कर भी केवल 12 रनों से मैच का जीत पाना. न्यूजीलैंड की पारी 4 गेंद शेष रहते हालांकि सिमट गई मगर फिर फी एक टफ फाइट उसने टीम इंडिया को दिया. भारत के जीत के फैक्टर्स क्या रहे और भारतीय मैनेजमेंट को अभी भी किन चीज़ों पर काम करने की ज़रूरत है? सुनने के लिए 'आज का दिन' क्लिक करें.