हिमाचल में किसकी बयार?
शिमला में ठंड है. लेकिन राजनीतिक माहौल एकदम गर्म. 12 नवंबर को वोटिंग है. राजनीतिक छींटाकशी और चुनाव प्रचार के बीच आज कांग्रेस के 26 नेताओं ने पाला बदल लिया. वे जो पंजे के लिए वोट मांगते थे. अब कमल के लिए मांगेंगे. इस बदल से कांग्रेस को क्या बड़ा नुकसान होगा, ये देखने वाली बात होगी.
चूंकि चुनाव प्रचार के अब गिनती के दो दिन बचे हैं. क्या हैं वो सवाल और मुद्दे जिसके आस पास लोग वोट करने का मन बना रहे हैं? राज्य में 1982 से लगातार अदला-बदली होती रही है, एक बार कांग्रेस तो अगली बार भाजपा. ऐसे में, इस दफ़ा क्या हवा कुछ बदल रही है या लोगों को मौजूदा हवा ही रास आ रही है? 'दिन भर' में सुनने के लिए यहां क्लिक करें
US Midterms: ट्रम्प करेंगे उलटफेर?
दूर देश अमरीका में भी आज चुनाव है. मिडटर्म इलेक्शन. ऐसा कहने की वजह है कि ये चुनाव पिछले राष्ट्रपति चुनाव और अगले राष्ट्रपति चुनाव के बीचोबीच होता है, इसलिए मिडटर्म यानी मध्यावधि चुनाव कहलाता है. अगर कुछ एक अपवाद को छोड़ दें तो मिडटर्म इलेक्शन में हमेशा रूलिंग गवर्मेंट को नुकसान होता रहा है.
ऐसे में, जो मौजूदा राष्ट्रपति हैं, जो बाइडेन. ये उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं. क्या हैं मुद्दे, किसकी है बढ़त, चुनावी सर्वेक्षण क्या कहते हैं, साथ ही इस चुनाव परिणाम का क्या इम्पैक्ट हो सकता है, अमेरिका की घरेलू राजनीति और बाहरी राजनीति, दोनों के लिहाज़ से? 'दिन भर' में सुनने के लिए यहां क्लिक करें
दुनियाभर में छाएगा अंधेरा?
दुनियाभर में महंगाई बेलगाम बढ़ती जा रही है. खाने पीने के सामान से लेकर तेल, गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी एक संस्था है जो दुनियाभर के देशों के साथ मिलकर एनर्जी से जुड़ी पॉलिसीज बनाने में मदद करती है.
हाल ही में उनकी एक रिपोर्ट आई है जो कहती है कि एनर्जी प्राइस बढ़ने की वजह से कई देशों में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो सकता है. और इस क्राइसिस का स्केल इतना बड़ा है कि करोड़ों लोग अँधेरे में जीने को मज़बूर हो सकते हैं. इस रिपोर्ट की बड़ी बातें क्या हैं जो हमें सोचने पर मज़बूर करती है? क्या इंडिया पर भी इसका इम्पैक्ट पड़ेगा? 'दिन भर' में सुनने के लिए यहां क्लिक करें
क्यों नहीं आ रही ठंड?
पिछले कुछ सालों से मौसम तेज़ी से अपना मिजाज़ बदल रहा है. कई तरह के रिकॉर्ड बन रहे हैं, चाहे गर्मी का हो या बाढ़ का या सूखे का. एक ऐसा ही रिकॉर्ड कल दिल्ली में बना और वो था पिछले 13 सालों में नवंबर के सबसे गर्म दिन का.
कल यहां तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. अब ये सुनकर हर कोई हैरान है क्योंकि नवंबर तो वो महीना होता है जब सर्दी के कपड़े निकाल लिए जाते हैं. इधर मौसम विभाग ने भी कह दिया है कि नवंबर में देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा. लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है कि दिल्ली में अबतक ठंड ने दस्तक नहीं दी है? और आने वाले दिनों में भी क्या यही स्थिति रहने वाली है? 'दिन भर' में सुनने के लिए यहां क्लिक करें