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पहलवानों के धरने से ओलंपिक संघ नाराज, कहा- ये अनुशासनहीनता है, बचाव में साक्षी मलिक ने सुनाई खरी-खरी

WFI प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक बार फिर दिग्गज पहलवान धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब तक कार्रवाई ना होने पर सवाल उठाए हैं. इस बीच, IOA ने पहलवानों के धरने पर नाराजगी जताई है और कहा- सड़कों पर जाने के बजाय वे हमारे पास आ सकते थे. वहीं, IOA की नाराजगी पर पहलवान साक्षी मलिक बचाव में उतरी हैं.

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कुश्ती के दिग्गज पहलवान दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. (फाइल फोटो)
कुश्ती के दिग्गज पहलवान दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. (फाइल फोटो)

भारतीय कुश्‍ती महासंघ (WFI) के अध्‍यक्ष पर कार्रवाई की मांग को लेकर एक बार दिग्गज पहलवान दिल्ली में धरने पर बैठ गए हैं. इन पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है. उनका कहना है कि जांच कमेटी की र‍िपोर्ट के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिली है. इस बीच, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) अध्यक्ष पीटी उषा का बयान आया है. उन्होंने पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन पर नाराजगी जताई है. 

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आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि पहलवानों का विरोध खेल के लिए अच्छा नहीं है, यह अनुशासनहीनता है. उन्होंने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) में यौन उत्पीड़न के लिए एक समिति है, सड़कों पर जाने के बजाय वे (विरोध करने वाले पहलवान) पहले हमारे पास आ सकते थे लेकिन वे IOA में नहीं आए. यह खेलों के लिए अच्छा नहीं है. उनमें कुछ अनुशासन भी होना चाहिए.

'चुनाव के लिए कमेटी गठित'

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कुश्ती संघ (WFI) का चुनाव करवाने के लिए 2 सदस्य एडहॉक कमेटी के होंगे. इनमें सुमा शिरूर और भूपेंद्र सिंह बाजवा का नाम शामिल है. एडहॉक कमेटी में एक रिटायर्ड जज भी शामिल होंगे. फिलहाल, उनका नाम तय होना बाकी है.

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'देश की छवि हो रही है धूमिल'

सूत्रों के मुताबिक,  IOA पहलवानों के विरोध से बेहद नाखुश है. सदस्यों के बीच आम सहमति है कि पहलवान जो कर रहे हैं उससे देश की छवि खराब हो रही है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. विरोध करने का एक तरीका है और यह सड़कों पर नहीं है. IOA के सूत्र इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पहलवानों को एथलीटों के आयोग में आना चाहिए था, ना कि सड़कों पर जाना चाहिए था.

'हमने 12 घंटे तक पहलवानों से बात की'

इससे पहले केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान भी आया था. उन्होंने कहा था कि हमने 12 घंटे तक पहलवानों को सुना और एक कमेटी बनाई, हम भी निष्पक्ष जांच चाहते हैं, 14 बैठकें हुईं. सभी को एक निरीक्षण समिति (oversight committee) के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर दिया गया. किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है.

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उन्होंने आगे कहा- समिति के प्रमुख निष्कर्ष निष्पक्ष चुनाव थे. तब तक एक ad-hoc कमेटी का गठन किया जाना चाहिए. एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन भी होना चाहिए. 

बृजभूषण ने कविता के जरिए व्यथा जाहिर की

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बताते चलें कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों का विरोध जारी है. पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. एक दिन पहले WFI के अध्यक्ष ने एक कविता के जरिए अपने मन की व्यथा जाहिर की है. 

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अपने एक वीडियो संदेश में कविता के जरिए बृजभूषण सिंह कहते हैं, 'जिस दिन जीवन के हानि लाभ पर उतरूंगा, जिस दिन संघर्षों में जाली लग जाएगी. जिस दिन जीवन की लाचारी मुझ पर तरस दिखाएगी, उस दिन जीवन से मृत्यु कहीं बढ़ जाएगी.' बृजभूषण सिंह आगे कहते हैं, 'मित्रों जिस दिन मैं अपने जीवन की समीक्षा करूंगा. क्या खोया क्या पाया. और जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मेरे संघर्ष करने की क्षमता अब समाप्त हो गई है. जिस दिन मैं महसूस करूंगा मैं लाचार हूं. मैं बेचारा हूं. ऐसी जिंदगी जीना मैं पसंद नहीं करूंगा. मैं चाहूंगा कि ऐसी जिंदगी जीने के पहले मृत्यु मेरे करीब आ जाए.'

 

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