लोकसभा स्पीकर के लिए 26 जून को चुनाव होना है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने स्पीकर पद के लिए पिछली लोकसभा में स्पीकर रहे ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने कांग्रेस सांसद के सुरेश को स्पीकर चुनाव में उतारा है. नंबरगेम एनडीए के पक्ष में है. ऐसे में स्पीकर चुनाव के लिए वोटिंग महज औपचारिकता मानी जा रही है. तीसरी बार के बीजेपी सांसद ओम बिरला दूसरी बार स्पीकर बनेंगे. लोकसभा स्पीकर के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओम बिरला की छवि सदन की कार्यवाही का संचालन बेहतर तरीके से, सबको साथ लेकर करने वाले स्पीकर के रूप में बनी.
राजस्थान से पहले स्पीकर
ओम बिरला राजस्थान की कोटा संसदीय सीट से सांसद हैं. वह लोकसभा स्पीकर के आसन तक पहुंचने वाले राजस्थान के पहले सांसद हैं. ओम बिरला को पिछली लोकसभा के कार्यकाल में भी बीजेपी और एनडीए ने स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था और आम सहमति से उनका निर्वाचन भी हुआ था. ओम बिरला अब लगातार दूसरी बार स्पीकर निर्वाचित होने के साथ ही अयंगार और जीएमसी बालयोगी जैसे सांसदों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो जाएंगे जिन्हें लगातार दो बार स्पीकर चुना गया.
संसदीय समितियों के रहे हैं सदस्य
4 दिसंबर 1962 को जन्मे ओम बिरला तीन बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं. 1992 से 1995 तक वह राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष रहे. सहकारी राजनीति से मुख्यधारा की चुनावी राजनीति में आए ओम बिरला की पत्नी अमिता बिरला पेशे से चिकित्सक हैं. बतौर सांसद 2014 से 2019 के अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओम बिरला कई संसदीय समितियों में भी रहे. वैश्य बिरादरी से आने वाले ओम बिरला तीन बार राजस्थान विधानसभा के भी सदस्य रहे हैं. वह राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव भी रहे हैं और इस दौरान उन्होंने लीक से हटकर कई कार्य किए.
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कब चर्चा में आए थे ओम बिरला
राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहते हुए ओम बिरला ने गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी. उन्होंने 2004 की बाढ़ के समय भी बाढ़ पीड़ितों के लिए काम किया. ओम बिरला का नाम 2006 में सुर्खियों में आया था. तब ओम बिरला ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी के स्वर नाम से आयोजित कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को सम्मानित किया था. इस कार्यक्रम का आयोजन कोटा और बूंदी में हुआ था.
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पहली बार 2003 में निर्वाचित हुए थे विधायक
ओम बिरला 2003 में पहली बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. वह 2008 और 2013 में भी कोटा से विधायक रहे. तीन बार के विधायक ओम बिरला 2014 में पहली बार कोटा से सांसद चुने गए. तीन बार विधायक और तीसरी ही बार के सांसद ओम बिरला संसद की कई समितियों के सदस्य भी रहे हैं. बतौर सांसद अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओम बिरला को कई समितियों में जगह दी गई थी. 16वीं लोकसभा के दौरान ओम बिरला प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति के सदस्य रहे हैं.