देश में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कई देशों ने बढ़ते खतरे को देखते हुए बूस्टर डोज देने का फैसला लिया है. अब भारत सरकार भी इस दिशा में आगे बढ़ सकती है. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार बूस्टर डोज को लेकर गंभीर है और इस पर मंथन भी शुरू हो गया है.
भारत में भी बूस्टर डोज?
जानकारी दी गई है कि एक स्टडी के आधार पर सरकार फैसला लेगी कि देश में लोगों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की जरूरत है या नहीं. अब यही जानने की जिम्मेदारी Translational Health Science and Technology Institute को दी गई है. ये इंस्टीट्यूट तीन हजार उन लोगों को बूस्टर डोज देगा जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज पहले ही लग चुकी हैं. बूस्टर डोज देने के बाद इस पहलू पर रिसर्च की जाएगी कि क्या अतिरिक्त वैक्सीन देने से इम्यूनिटी में सुधार आता है या नहीं.
ऐसे में केंद्र सरकार बूस्टर डोज देने का फैसला ले सकती है, लेकिन ये पूरी तरह इस स्टडी पर निर्भर रहने वाला है. अगर स्टडी के बाद बूस्टर डोज को असरदार माना गया, तो कई देशों के बाद भारत में भी इसका चलन शुरू हो सकता है. लेकिन अभी के लिए सरकार सभी नागरिकों को पहले वैक्सीन की दोनों खुराक देने पर जोर दे रही है. एक्सपर्ट भी मानते हैं कि बूस्टर दी जा सकती है, लेकिन पहले सभी को दोनों वैक्सीन डोज लेना जरूरी है.
ओमिक्रॉन की क्या स्थिति?
देश के ओमिक्रॉन मीटर की बात करें तो अभी तक 360 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है, वहीं दूसरी नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली चल रही है. बढ़ते खतरे को देखते हुए कई राज्यों ने नए साल से पहले फिर पाबंदियों का दौर शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में अब दिल्ली में नए साल के जश्न पर रोक है, एमपी में नाइट कर्फ्यू का ऐलान है और ओडिशा में भी क्रिसमस और नए साल की पार्टी पर रोक है. वहां पर चर्च में भी 50 लोगों से ज्यादा एंट्री नहीं ले पाएंगे.