ओमिक्रॉन वैरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है. अभी कर्नाटक में दो मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में सरकार अपने स्तर पर टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रही है और कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग को भी जरूरी बताया जा रहा है. इस बीच विदेश मंत्रालय ने भी पूरी दुनिया को भारत की रणनीति बता दी है.साफ कहा गया है कि भारत ने दूसरे देशों की तरह तुरंत ट्रैवल बैन नहीं लगाया है.
ओमिक्रॉन लड़ाई पर विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया से बात करते हुए भारत की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने कहा कि भारत ने एट रिस्क वाले देशों के लिए टेस्टिंग को अनिवार्य किया है, लेकिन पूरी तरह ट्रैवल बैन नहीं किया है. ये भी जानकारी दी गई है जो देश एट रिस्क वाली कैटेगरी में रखे गए हैं,वो सिर्फ ओमिक्रॉन प्रभावित देश नहीं हैं. दरअसल भारत सरकार की तरफ से काफी पहले ही एट रिस्क वाली कैटेगरी बना दी गई थी, जिसमें पहले से कई देश मौजूद हैं.
अभी के लिए यूरोप के कुछ देश, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, न्यूजीलैंड, जिंबाब्वे, सिंगापुर और हांगकांग को एट रिस्क वाली श्रेणी में रखा गया है. ऐसे में इन देशों से जो भी यात्री भारत आते हैं तो उनकी स्क्रीनिंग भी होती है और एयरपोर्ट पर टेस्टिंग की बात भी कही गई है. वैसे विदेश मंत्रालय से ये भी सवाल किया गया कि क्या कुछ देशों ने इस बात पर आपत्ति जाहिर की कि उन्हें एट रिस्क वाली श्रेणी में रखा गया है. इस पर बागची ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई भी देश सामने नहीं आया है.
सिर्फ ओमिक्रॉन पर फोकस नहीं
इस बात पर भी जोर दिया गया है कि भारत ने सिर्फ ओमिक्रॉन वैरिएंट पर ध्यान नहीं दिया है, बल्कि एट रिस्क वाले देश से जो भी यात्री यहां आएंगे, उन्हें सात दिन के होम क्वारंटीन मे रहना ही पड़ेगा. वही उनकी टेस्टिंग भी की जाएगी. ऐसे में सरकार द्वारा सिर्फ ओमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए नीतियां नहीं बनाई जा रही हैं.