मणिपुर में हालात सामान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैं. आए दिन हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला मंगलवार को इंफाल पूर्वी जिले में सामने आया, जहां दो समुदायों के बीच गोलीबारी में एक 25 वर्षीय ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत हो गई. वहीं इस गोलीबारी में दो लोग घायल हो गए. रविवार रात से पुखाओ और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रुक-रुक कर गोलीबारी की खबरें आ रही हैं.
पीटीआई के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी कांगपोकपी जिले की सीमा से लगे पुखाओ शांतिपुर में हुई. मृतक की पहचान सगोलसेम लोया के रूप में हुई है, जिसे इंफाल के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
बता दें कि पिछले साल 3 मई को मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद भड़की जातीय हिंसा के बाद से मणिपुर में 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं.