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One Nation-One Election पर लॉ पैनल ने राजनीतिक दलों से इन 6 सवालों पर मांगा जवाब, AAP ने असंवैधानिक बताया

लॉ कमीशन ने सभी राजनीतिक दलों, चुनाव आयोग और अन्य हितधारकों को छह सवालों का मसौदा भेजा है. 22वें लॉ कमीशन की ओर से 21वें लॉ कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर मसौदा भेजकर वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर सभी से राय मांगी गई है. आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है.

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लॉ कमीशन ने पूछे 6 सवाल (फाइल फोटो)
लॉ कमीशन ने पूछे 6 सवाल (फाइल फोटो)

देश में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर बहस छिड़ी है. लॉ कमीशन ने इसे लेकर राजनीतिक दलों से छह सवालों के जवाब मांगे हैं. केंद्र सरकार इसे लागू कराना चाहती है तो वहीं कई राजनीतिक दल इसके विरोध में भी हैं. दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने वन नेशन वन इलेक्शन का खुलकर विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है.

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लॉ कमीशन ने राजनीतिक दलों के साथ ही चुनाव आयोग को भी छह सवाल भेजे हैं. कमीशन ने राजनीतिक दलों के साथ ही चुनाव आयोग से एक साथ चुनाव कराने के इस संवेदनशील विषय पर उनकी राय मांगी है. 22वें लॉ कमीशन ने पिछले महीने सार्वजनिक नोटिस जारी कर राजनीतिक दलों, चुनाव आयोग और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी संगठनों से उनकी राय मांगी थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अब 22वें लॉ कमीशन ने नए सिरे से छह सवालों का मसौदा तैयार किया है. इस छह सवालों के मसौदे पर लॉ कमीशन ने 21वें लॉ कमीशन की ओर से देशभर में एक साथ चुनाव कराने को लेकर मसौदा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए नए सिरे से उनकी राय मांगी है. कमीशन ने इन छह सवालों को लेकर राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग से फिर से राय लेने का फैसला किया है

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लॉ कमीशन ने पूछा है कि क्या एक साथ चुनाव कराना किसी भी तरह से लोकतंत्र, संविधान के मूल ढांचे या देश के संघीय ढांचे के साथ खिलवाड़ है? कमीशन ने भी कहा है कि हंग असेंबली या आम चुनाव में त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में जब किसी भी राजनीतिक दल के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत न हो, चुनी गई संसद या विधानसभा के स्पीकर की ओर से प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की नियुक्ति की जा सकती है?

लॉ कमीशन ने पूछा है कि कि क्या ये संभव होगा? यदि ऐसा है तो क्या ये संविधान की 10वीं अनुसूची (अयोग्यता) के अनुरूप होगा? लॉ कमीशन ने ये भी पूछा है कि क्या राजनीतिक दलों या उनके निर्वाचित सदस्यों के बीच आम सहमति से प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की ऐसी नियुक्ति या चयन के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची में संशोधन की आवश्यकता होगी? और यदि हां, तो किस हद तक?

एक साथ चुनाव कराना आदर्श

22वें लॉ कमीशन ने ये भी कहा है कि विस्तार से चर्चा के बाद 21वां लॉ कमीशन इस नतीजे पर पहुंचा कि देश में एक साथ चुनाव कराना आदर्श है और जरूरी भी लेकिन इसके लिए संविधान की ओर से एक काम करने वाले फॉर्मूले की जरूरत है. क्या इसके लिए ड्राफ्ट रिपोर्ट के अलावा संविधान के अन्य अनुच्छेद में संशोधन या नए अनुच्छेद जोड़ने की जरूरत होगी?

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लॉ कमीशन ने ये भी पूछा है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए ड्राफ्ट रिपोर्ट में जिन मसलों पर चर्चा की गई है, उनके अलावा किसी अन्य मुद्दे पर विस्तार से अध्ययन की जरूरत है? 22वें लॉ कमीशन ने ये भी पूछा है कि क्या 21वें लॉ कमीशन की ड्राफ्ट रिपोर्ट में दिए गए सुझाव, की गई सिफारिशों में से कोई भी किसी संवैधानिक कानून का उल्लंघन करता है?

आम आदमी पार्टी ने बताया असंवैधानिक

पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के प्रस्ताव का विरोध किया है. आम आदमी पार्टी ने इस प्रस्ताव को सत्ताधारी बीजेपी की ओर से जनप्रतिनिधियों की खरीद-बिक्री को कानूनी रूप देने की कोशिश करार दिया है. आम आदमी पार्टी ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि ये नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से सरकार के संसदीय स्वरूप को प्रेसिडेंसियल सिस्टम में तब्दील करने का प्रयास है.

आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता आतिषी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि संसाधन और पैसे के मामले में धनी पार्टी पैसे और बाहुबल के जरिये राज्यों की समस्याओं को कुचल देंगी और साथ चुनाव होने पर मतदाताओं को भी प्रभावित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रस्ताव असंवैधानिक है और हम इसका विरोध करते हैं.

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