कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले शुरू हुए किसान आंदोलन के आज एक साल पूरे हो गए हैं. आंदोलन के एक साल पूरे होने पर राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि इसे खत्म करने का अभी प्लान नहीं है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाए जाने तक आंदोलन खत्म करने का कोई प्लान नहीं है.
राकेश टिकैत ने मंच से ये ऐलान किया कि एमएसपी को लेकर कानून बनाना ही होगा. उहोंने साफ किया कि 29 नवंबर को हम ट्रैक्टर लेकर दिल्ली चलेंगे. रास्ता खुला रहा तो 500 किसान ट्रैक्टर से दिल्ली जाएंगे. टिकैत ने किसानों से 10 दिन के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए कहा कि बीजेपी के लोग कहेंगे कानून वापसी तो घर वापसी.
राकेश टिकैत ने कहा कि कोई कितना भी परेशान करने की कोशिश करे, आपको तैयार रहना है. उन्होंने कहा कि इनका मुकाबला आपको करना है. अपने आने वाले कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि कल अमृतसर जा रहा और इसके बाद मुंबई जाना है. 29 नवंबर को फिर से आपके बीच आऊंगा.
राकेश टिकैत के भाई और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अच्छी पहल की, इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद दे रहे. उन्होंने कहा कि जो किसान इस आंदोलन में शहीद हुए, दो शब्द उनके लिए भी कहें. ये तो न तुम जीते न हम हारे वाली बात है.
गौरतलब है कि राकेश टिकैत ने पहले भी ये साफ किया था कि एमएसपी को लेकर कानून बनाए जाने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी तादाद में किसान जमे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे किसानों का भी यही कहना है.
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा है कि जब तक हमारी हर मांग नहीं मान ली जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा था कि हमारी छह में से एक मांग सरकार ने मानी है. एमएसपी को लेकर कानून बनाने, इलेक्ट्रिसिटी बिल वापस लेने समेत पांच मांगें अभी भी लंबित हैं. जब तक हमारी हर मांग मान नहीं ली जाती, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा.