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EV चार्जिंग स्टेशन की डीलरशिप देने के नाम पर कारोबारी से 10.58 लाख रुपये की ठगी

ऑनलाइन जालसाजों ने नागपुर में एक इलेक्ट्रॉनिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए डीलरशिप की तलाश होने का एक विज्ञापन दिया. ये एड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

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ठगों ने कारोबारी को बातों में फंसाया और डीलरशिप दिलाने के नाम पर पैसे जमा करा लिए.
ठगों ने कारोबारी को बातों में फंसाया और डीलरशिप दिलाने के नाम पर पैसे जमा करा लिए.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोशल मीडिया पर ऐड देखकर कारोबारी ने किया था संपर्क
  • जालसाजों ने फीस के नाम पर खाते में जमा करवा लिए रुपए

ऑनलाइन जालसाजों ने नागपुर के कारोबारी को 10.58 लाख रुपए का चूना लगा दिया है. कारोबारी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने का सोशल मीडिया पर एक ऐड देखा था. लालच में आकर कारोबारी ने संबंधित नंबर्स पर फोन किया तो ठगों ने बातों में फंसा लिया और ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवा लिए. बाद में जब सच्चाई पता चली तो कारोबारी ने थाने में शिकायत की. पुलिस का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है. जल्द ही ठगों की गिरफ्तारी की जाएगी.

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दरअसल, ऑनलाइन जालसाजों ने नागपुर में एक इलेक्ट्रॉनिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए डीलरशिप की तलाश होने का एक विज्ञापन दिया. ये एड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. कारोबारी अनिल कुमार रजनी (51) ने बताया कि बेंगलुरु की एक कंपनी के नाम पर विज्ञापन मिला था, जिसमें ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए डीलरशिप की पेशकश की गई थी.

एक महीने के भीतर जमा किए रुपए

ऑफर ठीक लगा तो कंपनी के नंबर्स पर संपर्क किया. वहां कंपनी के एक 'कानूनी सलाहकार' ने उन्हें एक बैंक खाते में प्रसंस्करण शुल्क (processing fee), स्टांप शुल्क (stamp duty) और लेनदेन शुल्क (transaction fees) के रूप में 10.58 लाख रुपये जमा करवा लिए. अनिल ने बताया कि ये पूरी राशि उन्होंने 28 अप्रैल से 26 मई के बीच ऑनलाइन ट्रांसफर की है.

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तय पैसे जमा कराने के बाद बढ़ा दी डिमांड

उसके बाद कंपनी के लोग और पैसे मांगने लगे और गुमराह करने की कोशिक की. जब एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है तो उसने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने बताया कि अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

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