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Operation Devi Shakti: गुरु ग्रंथ साहिब, महाभारत, रामायण, भगवद गीता... अफगानिस्तान से वापस लाए गए धार्मिक ग्रंथ

Operation Devi Shakti: अफगानिस्तान से लौटे 110 हिंदू, सिख और अफगान परिवारों के साथ गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, रामायण, महाभारत समेत कई धार्मिक ग्रंथ भी लाए गए हैं. गुरु ग्रंथ साहिब को गुरुद्वारा गुरु अर्जन तो हिंदू ग्रंथों को फरीदाबाद से आसामाई मंदिर ले जाया जाएगा.

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अफगानिस्तान से लाए गए धार्मिक ग्रंथ.
अफगानिस्तान से लाए गए धार्मिक ग्रंथ.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत लौटे 110 परिवार
  • साथ में कई धार्मिक ग्रंथों को भी भारत लाया गया

Operation Devi Shakti: दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार को अफगानिस्तान से कई भारतीय लौटकर आए. इनमें हिंदू और सिख परिवारों के साथ-साथ कुछ अफगान नागरिक भी शामिल थे. इन लोगों में काबुल के शोर बाजार स्थित गुरु हर राय गुरुद्वारा में आतंकी हमले के दौरान अपनी जान गंवाने वाले अफगान सुरक्षा गार्ड महराम अली का परिवार भी शामिल है.

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इन लोगों के साथ गुरु ग्रंथ साहिब, महाभारत, रामायण, भगवद गीता समेत कई धार्मिक ग्रंथ भी काबुल से लेकर आए. अफगानिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों से तीन पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब और काबुल स्थित 5वीं शताब्दी की प्राचीन आसामाई मंदिर से रामायण, महाभारत और भगवद गीता सहित अन्य धार्मिक ग्रंथों को भी लाया गया. गुरु ग्रंथ साहिब जी के दिल्ली लाए जाने के बाद महावरी नगर स्थित गुरुद्वारा गुरु अर्जन देव ले जाया जाएगा और हिन्दू धार्मिक ग्रंथों को फरीदाबाद स्थित आसामाई मंदिर ले जाया जाएगा.

भारत पहुंचने के बाद संकटग्रस्त मूल अफगान नागरिकों का पुनर्वास सोबती फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा. इस अभियान में इंडिया वर्ल्ड फोरम ने भी सहयोग किया. इसके अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस कार्य लिए विशेष धन्यवाद दिया है.

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क्या है ऑपरेशन देवी शक्ति?

अफगानिस्तान में जब तालिबान का शासन शुरू हुआ तो तो भारत ने यहां मौजूद अपने हर एक नागरिक की सही सलातम देश वापसी के लिए 'ऑपरेशन देवी शक्ति' की शुरुआत की. इसके तहत काबुल और उसके आसपास फंसे लोगों को एयरलिफ्ट कर भारत लाने की शुरुआत की गई. इस मिशन को यह नाम भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीसीएस की बैठक में खुद देते हुए कहा, 'न केवल हिंदुओं और सिखों जैसे अल्पसंख्यकों को विभिन्न उड़ानों से अफगानिस्तान से वापस लाएं, बल्कि कई अफगान नागरिकों ने भी संकट की इस घड़ी में भारत आने का विकल्प चुनना पसंद किया है, इसलिए उन्हें भी भारत लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए.'

 

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